सीजी भास्कर, 20 मार्च |
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 16वें दिन प्रश्नकाल में कई योजनाओं में अनियमितताओं पर बहस हुई। महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना को लेकर सवाल जवाब हुए।
कांग्रेस MLA ने कहा कि, बुजुर्गों को महतारी वंदन योजना में 500 रुपए काटकर मिल रहे हैं। पहले ही उन्हें 500 रुपए पेंशन के तहत मिलते थे जो अब ना मिलकर सिर्फ महतारी वंदन के 1000 रुपए मिल रहे।
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने दिया जवाब
महतारी वंदन योजना पर कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव ने सवाल उठाया था।
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने जवाब में कहा- अंतर की राशि दी जा रही है।
कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा ने पूछा– यह राशि किस तरह दी जा रही है?
मंत्री राजवाड़े का जवाब- पेंशनधारी महिलाओं को अंतर की राशि सरकार की ओर से दी जा रही है। (यानी अगर पहले 500 रुपए पेंशन के मिल रहे तो महतारी वंदन के 500 ही और मिलेंगे)
संगीता सिन्हा ने आगे सवाल किया– जिन महिलाओं का अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ, उनका रजिस्ट्रेशन कब तक पूरा होगा?
मंत्री राजवाड़े- सरकार इस पर ध्यान दे रही है और जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
दिव्यांगों के लिए बना कानून लागू नहीं होने का मुद्दा
विधानसभा में भाजपा विधायक प्रबोध मिंज ने दिव्यांगों के लिए पदों के चिन्हांकन को लेकर सवाल किया। उन्होंने पूछा कि 2016 में बने अधिनियम को अब तक क्यों लागू नहीं किया गया।
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि दिव्यांगजन अधिनियम 2016 को लागू करने की प्रक्रिया जारी है, विभिन्न विभागों से अभिमत लेने की प्रक्रिया अभी भी चल रही है।
इस पर प्रबोध मिंज ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि 7 सालों से केवल प्रक्रिया ही चल रही है, लेकिन अब तक न पद चिन्हांकित हुए और न ही भर्ती हो सकी है।
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने जवाब में कहा कि 24 विभागों से अभिमत आ चुका है, जबकि 26 विभागों से आना बाकी है। अभिमत आने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने निर्देश दिए कि विभाग दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशील हो और प्रक्रिया पूरी करने की समय-सीमा तय करे।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार दिव्यांगजनों के साथ धोखा कर रही है, यह व्यवहार अमानवीय है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि 6 महीने के भीतर पदों का चिन्हांकन किया जाए।
पालना योजना पर सवालों से घिरी सरकार
कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने पालना योजना को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 175 पालना केंद्र चल रहे हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक कोई राशि खर्च नहीं की।
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने जवाब देते हुए बताया कि 15 फरवरी तक कोई राशि खर्च नहीं की गई, क्योंकि 40 फीसदी राज्यांश नहीं मिल पाया।
विपक्षी विधायकों ने सवाल उठाया कि यदि कोई राशि खर्च ही नहीं हुई, तो फिर योजना कैसे चल रही है?
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सरकार को निर्देश दिए कि इस संबंध में पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पर सवाल जवाब
भाजपा विधायक भावना बोहरा ने प्रश्नकाल में कहा- कई लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का फायदा नहीं मिल रहा है और 5 किलो चांवल पाने से लोग वंचित है। कोरोना काल में 5 किलो अनाज कई लोगों को नहीं मिला, इस पर भी जांच होनी चाहिए।
मंत्री दयालदास बघेल- 97% लोगों को योजना का लाभ मिला है, और अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है।
भाजपा विधायक राजेश मूणत- कितने लोग वंचित रह गए थे?
मंत्री दयालदास बघेल- प्रश्न 23 से 25 के बीच का है, इसमें तत्काल जानकारी देना संभव नहीं।
राजेश मूणत- क्या अब सभी पात्र लोगों को चावल मिल रहा है?
मंत्री दयालदास बघेल- अभी अतिरिक्त आवंटन नहीं मिल रहा है।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में गड़बड़ी का आरोप
कांग्रेस विधायक संदीप साहू और कुंवर सिंह निषाद ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में अनियमितताओं का मुद्दा उठाया। संदीप साहू ने बताया कि बालोद में 16 जोड़ों के विवाह में 33 लाख रुपए खर्च किए गए, जबकि नियम के अनुसार 50 हजार प्रति जोड़ा यानी कुल 8 लाख रुपए ही खर्च होने चाहिए थे।
कुंवर सिंह निषाद ने भी आरोप लगाया कि, प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर शादी के खर्च में अनियमितताएं पाई गई हैं, जिसमें 53 लाख रुपए की गड़बड़ी सामने आई है।
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने जवाब देते हुए कहा कि, एक जोड़े पर 50 हजार रुपए का खर्च निर्धारित है, और पूरी पारदर्शिता के साथ विवाह कराए गए हैं।
कांग्रेस विधायकों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है और इसकी जांच होनी चाहिए।