उत्तर कन्नड़ (कुमटा)। कर्नाटक के रामतीर्थ पहाड़ियों में एक गुफा में सूखते कपड़े देख पुलिस जब वहां पहुंची, तो उन्हें एक हैरान कर देने वाला दृश्य देखने को मिला। गुफा में 40 वर्षीय रूसी महिला अपने दो छोटे बच्चों के साथ रह रही थी। महिला ने खुद को “मोही” बताया, लेकिन असल में वह रूस की नागरिक नीना कुटीना है। अब यही महिला आध्यात्मिक साधिका बनकर कर्नाटक के जंगलों में शरण लिए हुए थी।
2017 में वीजा समाप्त, लेकिन भारत में ही रुक गई मोही
सूत्रों के अनुसार, नीना कुटीना उर्फ मोही वर्ष 2017 में बिजनेस वीज़ा पर भारत आई थीं। लेकिन वीज़ा की मियाद खत्म होने के बाद उन्होंने रूस लौटने की बजाय भारत के जंगलों में साधना और ध्यान को अपना जीवन बना लिया। पहले गोवा में कुछ वर्ष बिताने के बाद उन्होंने गोकर्ण की दुर्गम पहाड़ियों में एक प्राकृतिक गुफा को ही अपना स्थायी निवास बना लिया।
बिना बिजली-पानी, बच्चों संग गुफा में ध्यान और साधना
मोही के साथ उसकी दो बेटियां प्रेया (6) और ऐमा (4) भी गुफा में रह रही थीं। इस स्थान पर ना बिजली थी, ना गैस, ना कोई पक्की सुविधा – सिर्फ प्राकृतिक स्रोत, फल, जड़ी-बूटियां और शिवभक्ति। गुफा के भीतर एक रुद्र शिवमूर्ति स्थापित की गई थी, जहां मोही रोज पूजा, ध्यान और बच्चों की देखरेख करती थीं।
भूस्खलन के बाद हुआ खुलासा
कुछ दिनों पहले इलाके में भूस्खलन के चलते पुलिस की रूटीन पेट्रोलिंग बढ़ाई गई थी। इसी दौरान गुफा के बाहर सूखते कपड़े देख पुलिस टीम को शक हुआ। अंदर जाकर उन्होंने इस असामान्य परिवार को देखा और तुरंत उच्च अधिकारियों को सूचना दी।
अब आगे क्या?
फिलहाल महिला और बच्चों को मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। साथ ही भारत में उनके अवैध निवास को लेकर जांच शुरू हो गई है। अधिकारियों का कहना है कि सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद, महिला और बच्चों को रूस डिपोर्ट किया जा सकता है। बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखा गया है।