महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर विवाद गहराता जा रहा है.भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की हालिया टिप्पणी ने इस विवाद को और हवा दे दी है. उनके बयान पर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और पार्टी सांसद संजय राउत दोनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.उद्धव ठाकरे ने निशिकांत दुबे की टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हुए उन्हें ‘लकड़बग्घा’ कह दिया था, तो वहीं संजय राउत ने भी सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा, मैं महाराष्ट्र में रहने वाले हिंदी भाषी नेताओं से अपील करता हूं कि वे दुबे के बयान की निंदा करें.
संजय राउत ने कहा,”पहले ये बताइए कि ये दुबे आखिर कौन हैं? मैं महाराष्ट्र के सभी हिंदी भाषी नेताओं से आग्रह करता हूं कि वे दुबे के इस बयान की खुलकर निंदा करें. जब आप ऐसा करेंगे, तभी मैं मानूंगा कि आप वास्तव में महाराष्ट्र के साथ खड़े हैं. एक बीजेपी सांसद खुलेआम मराठी लोगों के खिलाफ बयान दे रहा है, ऐसे में तब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उनकी कैबिनेट चुप क्यों हैं? ये किस तरह के मुख्यमंत्री है? इनको छत्रपति शिवाजी महाराज और बालासाहेब ठाकरे का नाम लेने का कोई अधिकार ही नहीं है”.
एकनाथ शिंदे को पद से इस्तीफा देना चाहिए’
संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा, “एकनाथ शिंदे जो खुद को डुप्लीकेट शिवसेना के नेता मानते हैं, उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने पर विचार करना चाहिए, महाराष्ट्र में क्या हो रहा है इसपर उन्हें मोदी और शाह से जाकर पूछना चाहिए, महाराष्ट्र में हिंदी भाषी समुदाय पर इस तरह के हमले कभी नहीं हुए.दुबे को सही रास्ते पर लाना देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार की जिम्मेदारी है.”
निशिकांत दुबे पर इससे पहले उद्धव ठाकरे ने टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि छोड़िए दुबे-वुबे की बातें ऐसे कई लकड़बग्घे हैं जो जानबूझकर विवाद खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. हमारे यहां ठीक है सब, इनपर ध्यान देने की कोई जरूरत नहीं है. महाराष्ट्र की जनता सबकुछ समझ रही है.