सीजी भास्कर, 05 दिसम्बर। स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव की अध्यक्षता में रायपुर संभाग के स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Review) की संभागीय समीक्षा बैठक महासमुंद जिला पंचायत कार्यालय के सभागार में सम्पन्न हुई। मंत्री ने कहा कि विभाग का मूल उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण अध्ययन-अध्यापन सुनिश्चित करना है, इसके लिए सभी स्तरों पर समर्पित प्रयास अपेक्षित हैं। बैठक में सचिव शिक्षा विभाग सिद्धार्थ कोमल परदेशी, आयुक्त समग्र शिक्षा डॉ. प्रियंका शुक्ला, डीईओ, डीएमसी, बीईओ एवं बीआरसी उपस्थित रहे।
तीन वर्षीय समग्र कार्ययोजना बनाने के निर्देश
मंत्री ने सभी जिलों को अगले तीन वर्षों की समग्र कार्ययोजना तैयार करने को कहा। विद्यालय अधोसंरचना, शैक्षणिक वातावरण संवर्धन व शिक्षण गुणवत्ता में सुधार सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि बच्चों की शिक्षा में किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी और दीर्घकालिक योजनाएँ ही स्थाई परिणाम देंगी।
ऑनलाइन बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य
मंत्री ने निर्देश दिया कि सभी शिक्षक व कर्मचारी अनिवार्य रूप से ऑनलाइन बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करें। डीईओ, बीईओ व बीआरसी को नियमित निरीक्षण, दौरा चार्ट अनुपालन तथा विद्यालय गतिविधियों की समीक्षा तीव्र करने को कहा गया। (School Education Review)
शैक्षणिक परिणाम सुधार हेतु लक्ष्य तय
कक्षा 10वीं का लक्ष्य 85% तथा 12वीं का 90% परिणाम रखा गया। मासिक परीक्षण, ब्लूप्रिंट आधारित अध्ययन, संसाधन उपयोग व कुशल अध्यापन पर बल दिया गया। लक्ष्य केवल उत्तीर्णता नहीं बल्कि उच्च श्रेणी में सफलता सुनिश्चित करना है।
बेसिक लर्निंग पर विशेष फोकस
कक्षा 3–5 में धारा-प्रवाह हिंदी पठन सुधारने तथा माध्यमिक स्तर पर गणित-अंग्रेजी दक्षता बढ़ाने के निर्देश। विद्यार्थियों के आधार-ID 100% अपडेट और ड्रॉपआउट रोकथाम को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए समुदाय व पालकों से संवाद अनिवार्य किया गया।
सेवानिवृत्त शिक्षकों के स्वत्व देयकों का त्वरित निराकरण
निर्देश दिए गए कि सेवानिवृत्ति के दिन ही सेवा पुस्तिका, पासबुक और स्वत्व भुगतान सुनिश्चित किया जाए, ताकि कर्मचारियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
अधोसंरचना और मॉडल स्कूल निर्माण में गति
भवनविहीन विद्यालयों के कार्य शीघ्र पूर्ण करने, मॉडल स्कूल चयन प्रक्रिया तेज करने तथा बीईओ हेतु लक्ष्य-आधारित गोपनीय प्रतिवेदन लागू करने की बात कही गई। पीएम-श्री विद्यालयों के कार्य निर्धारित समय में पूरा करने और उन्हें उत्कृष्ट शिक्षण मॉडल के रूप में विकसित करने पर बल दिया गया।
प्रदर्शनी और मॉडलों की सराहना
समीक्षा पश्चात मंत्री ने प्रदर्शनी, शैक्षणिक स्टॉल व विद्यार्थियों के प्रोजेक्ट देखे। अटल टिंकरिंग लैब के डेम सिंचाई मॉडल, एआई प्रदर्शनी, कला व गणित प्रोजेक्ट की सराहना की और कहा कि ऐसे प्रयास सृजनात्मक सीख को बढ़ाते हैं तथा शिक्षा को रोचक बनाते हैं।


