सीजी भास्कर, 29 सितंबर। एक सरकारी स्कूल में एक शिक्षिका की लापरवाही सामने आई है। छात्र के आंख में चोंट के बाद शिक्षिका ने सक्रियता नहीं बरती और छात्र अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती नहीं कराया गया। इलाज में देरी की वजह से छात्र के एक आंख की रोशनी चली गई। इसे शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया और (School Negligence Case) शिक्षिका इंद्राणी पांडे को निलंबित कर दिया है।
तीन घंटे तक स्कूल में ही रहा छात्र School Negligence Case
बताया जा रहा है कि शासकीय प्राथमिक शाला चुनचुनी आदर्श नगर कुसमुंडा कोरबा में खेल-खेल में एक बच्चे ने दूसरे बच्चों को डंड से मारपीट कर दिया। विवाद में एक बच्चे के बाएं आंख पर चोंट आई। लेकिन शिक्षक ने छात्र के आंख के इलाज के लिए अस्पताल नहीं ले जाया गया। इसके अलावा छात्र को आंख में चोंट लगने की सूचना अभिभावकों को भी नहीं दी गई। दो से तीन घंटे तक छात्र को (School Negligence Case) स्कूल में ही रखा गया।
इसकी वजह से छात्र को समय पर इलाज नहीं मिला। जब छात्र स्कूल से घर पहुंचा। तब अभिभावकों इसकी जानकारी हुई और बच्चे को अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टर ने बच्चे की आंख की जांच की। डॉक्टर ने बताया कि बच्चे की आंख खराब होने की पुष्टि की। अभिभावकों ने इसकी शिकायत पुलिस और जिला शिक्षा विभाग से की। विभाग ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी कटघोरा को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई। बीईओ ने जांच प्रतिवेदन जिला शिक्षा विभाग को सौंपा। डीईओ ने यह जांच रिपोर्ट संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर को भेजा। इस पूरे (School Negligence Case) मामले को लेकर विभाग ने सख्त रवैया अपनाया है।
शिक्षिका को तत्काल प्रभाव से किया गया निलंबित
बताया गया कि घटना के दिन नौ जुलाई को स्कूल के प्रधान पाठक अचानक अवकाश पर चले गए थे। स्कूल का प्रभारी प्रधान पाठक इंद्राणी पांडे को बनाया गया था। संयुक्त संचालक ने माना कि प्रभारी के रूप में शिक्षिका इंद्राणी ने जिम्मेदारी का निर्वहन निष्ठापूर्वक नहीं किया। इस कारण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम के तहत (School Negligence Case) शिक्षिका इंद्राणी पांडे को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। शिक्षिका का विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय कटघोरा में अटैच किया गया है। इस अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।