सीजी भास्कर, 25 नवंबर। पुलिस अधिकारी की पूछताछ में बेइज्जत किए जाने की ग्लानीवश एक वकील और महिला कारोबारी की खुदकुशी का मामला अब तुल पकड़ने लगा है। कर्नाटक के भुवि विकास निगम (Bhovi Development Corporation) घोटाले में आरोपी 33 वर्षीय महिला कारोबारी और वकील एस जीवा ने पुलिस पूछताछ और कथित उत्पीड़न के चलते आत्महत्या कर ली। इस मामले में बेंगलुरु पुलिस की डिप्टी एसपी (DSP) शहर कनकलक्ष्मी पर गंभीर आरोप लगे हैं। मृतका ने इस जांच अधिकारी पर उनके कपड़े उतरवाने का आरोप लगाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एस जीवा ने अपने पीछे 11 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें CID ऑफिस में कपड़े उतरवाकर अपमानित किया गया और 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई। इसके आलावा जांच अधिकारियों ने उनकी दुकान पर जाकर कर्मचारियों के सामने भी उन्हें अपमानित किया।
बताया जा रहा है कि एस जीवा बेंगलुरु में लकड़ी के सामान (Wood Material) की शॉप चलाती थी और वकील भी थीं। उन्होंने 22 नवंबर (शुक्रवार) को अपने घर पर सुसाइड कर लिया। बहन एस संगीता ने DySP कनकलक्ष्मी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है जिसमें उन्होंने जीवा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। एस जीवा पर आरोप था कि उन्होंने एक सरकारी रोजगार योजना के तहत भुवि समुदाय को दिए जाने वाले लोन की रकम का दुरुपयोग किया। इस मामले की जांच CID को सौंपी गई है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि जीवा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूछताछ की जाए लेकिन CID ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के लिए मजबूर किया। CID दफ्तर में 14 नवंबर को पूछताछ के वक्त जीवा ने आरोप लगाया कि उनसे सायनाइड लेकर चलने जैसे सवाल पूछे गए। डीएसपी कनकलक्ष्मी ने उनके द्वारा जुटाए गए दस्तावेजों को अस्वीकार कर दिया। एफआईआर में आरोप है कि पुलिस अधिकारियों ने दुकान पर जाकर कर्मचारियों के सामने जीवा को अपमानित किया।
बेंगलुरु पुलिस ने DySP कनकलक्ष्मी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने पुलिस के व्यवहार और जांच प्रक्रिया में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब विपक्षी दल पुलिस की कार्यशैली और आम नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं।