सीजी भास्कर, 6 अप्रैल। राजस्थान के बांसवाड़ा में हवस की आग में अंधी हो चुकी महज 23 साल की एक युवती ने तीसरे विवाह के लिए अपने ही कलेजे के टुकड़े का गला घोंट दिया।
वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी महिला फरार हो गई। जानकारी होने पर महिला के दूसरे पति ने पुलिस में शिकायत दी। इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने बच्चे का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा, वहीं 24 घंटे के अंदर घेराबंदी कर आरोपी महिला को दबोच लिया है।
पुलिस के मुताबिक युवती की पहली शादी करीब चार साल पहले हुई थी। वह एक साल ही पहले पति के साथ रही और फिर एक अन्य युवक से नातरा विवाह (बिना शादी किए पति-पत्नी की तरह रहना) कर लिया था। इस पति के साथ वह करीब तीन साल रही। इस दौरान उसे एक बच्चा हुआ, जो अब डेढ़ साल का हो गया था।
आरोप है कि इस पति से भी आरोपी महिला का मन भर गया और वह तीसरे युवक के साथ नातरा विवाह करना चाहती थी।
बोझ लगने लगा था अपना ही बच्चा : चूंकि यह युवक युवती के बच्चे को स्वीकार करने को तैयार नहीं था, इसलिए आरोपी युवती ने उसका गला घोंट दिया और मौके से फरार हो गई।
पुलिस के मुताबिक महिला की पहचान आशा कुमारी उर्फ आशा के रूप में हुई है। उसे अरेस्ट कर पूछताछ की गई तो उसने पूरी वारदात को कबूल लिया है। उसने बताया कि वह न तो अपने पहले वाले दोनों पतियों के पास रहना चाहती है और न ही उनके बच्चे को अपने साथ रखना चाहती है।
दूसरे पति ने दर्ज कराई रिपोर्ट आरोपी महिला के दूसरे पति दिलीप पारगी निवासी सुरवानिया ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी पत्नी कुछ दिन पहले अचानक घर छोड़ कर छापरिया में रहने वाले अपने पिता दिनेश निनामा के घर चली गई।
वहां उसने उनके बेटे आयुष का गला घोंट दिया है। इस सूचना पर हरकत में आई पुलिस ने जांच पड़ताल की और बच्चे का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस के मुताबिक हवस की आग में अंधी हो चुकी इस महिला को अब अपना ही बच्चा बोझ लग रहा था इसलिए उसने अपने बच्चे की हत्या कर दी। आरोपी महिला को अदालत में पेश कर जेल भेजने के बाद मामले की जांच तेज कर दी गई है।