सीजी भास्कर, 30 दिसंबर। श्रीमद्भगवद् स्वगीता का भव्य पुस्तक विमोचन समारोह बड़े हर्षोल्लास और आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रबुद्धजनों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। सर्वप्रथम सुबह मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के निवास पर पुस्तक का विमोचन हुआ। यहां सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. प्रवीण साहू और धर्मेंद्र यादव भी उपस्थित रहे। लेखक ऋतेश निगम के माता-पिता श्रीमती पूर्णिमा निगम और सतीश चंद्र निगम भी इस गौरवपूर्ण पल के साक्षी बने। भोपाल की महापौर, श्रीमती मालती राय ने भी इस अद्वितीय पुस्तक पर अपने विचार रखते हुए लेखक को शुभकामनाएं दीं। शाम को प्रतिष्ठित एल एन मालवीय ग्रुप के निदेशक डॉ. एल एन मालवीय स्वगीता के पुस्तक विमोचन समारोह के मुख्य अतिथि रहे। यह आयोजन समाज के विभिन्न क्षेत्रों के 200 से अधिक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में हुआ। यहाँ गीता और उसकी नई प्रस्तुति स्वगीता पर गहन विचार-विमर्श भी हुआ।

लेखक ऋतेश निगम ने CG Bhaskar को बताया कि यह एक भावनात्मक क्षण है, जब उन्होंने अपनी पुस्तक को अपने दिवंगत ससुर अरिदमन कुमार को समर्पित किया और 37 वर्षों के बाद अपने प्रेरणादायक संस्कृत शिक्षक श्री पाठक से पुनर्मिलन की खुशी साझा की। कई पूर्व छात्र इस अवसर पर पाठक सर का सम्मान करने के लिए उपस्थित हुए और उनके धाराप्रवाह संस्कृत, हिंदी और अंग्रेज़ी भाषणों से मंत्रमुग्ध हो गए। पाठक सर ने गुरु-शिष्य संबंध और गीता की शिक्षा पर अपने प्रेरणादायक विचार भी साझा किए।

🟠 श्लोकों की गहन समझ और स्वगीता की सरलीकृत प्रस्तुति से प्रज्ञा भी प्रभावित
आपको बता दें कि आयोजन का मुख्य आकर्षण 16 वर्षीय प्रज्ञा साहू द्वारा गीता ज्ञान की अद्वितीय प्रस्तुति रही। हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा सम्मानित प्रज्ञा ने गीता के श्लोकों की अपनी गहन समझ और स्वगीता की सरलीकृत प्रस्तुति पर अपने विचार साझा किए। स्वगीता की रचनात्मक प्रस्तुति ने प्रज्ञा को विशेष रूप से प्रभावित किया जिसे लेखक ऋतेश निगम और उनकी पत्नी अदिति ऋतेश ने प्रस्तुत किया है। सभी उपस्थित लोगों ने एक अनोखी रचनात्मक गतिविधि में भाग लिया। जिसमें स्वगीता के मंडल और श्लोकों से प्रेरित होकर उन्होंने रंग भरने, सजाने और कविताएँ लिखने जैसे कार्य किए। यह गतिविधि स्वगीता के साथ उनकी आध्यात्मिक यात्रा का प्रारंभ बनी। मुख्य अतिथि डॉ. एल एन मालवीय ने पुस्तक का विमोचन किया और लेखक ऋतेश निगम, उनके शिक्षक पाठक सर और सुश्री प्रज्ञा साहू के साथ बातचीत की। डॉ. मालवीय ने विशेष रूप से लेखक के माता-पिता को परिवार में दिए गए संस्कारों के लिए सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में साहू समाज के कई प्रतिष्ठित सदस्यों की भागीदारी रही। जिन्होंने प्रज्ञा साहू को पैनल विशेषज्ञ के रूप में देखकर गर्व महसूस किया। वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. प्रकाश सेठ, विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजी. जे एल गुप्ता, कांग्रेस विधायक उम्मीदवार रविंद्र साहू झूमरवाला, वरिष्ठ पत्रकार संतोष साहू, जावेद खान और बैंक ऑफ इंडिया के सहायक महाप्रबंधक जीवनलाल जैसे गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति से आयोजन को गौरवान्वित किया।

🟠 एक श्लोक प्रतिदिन डायरी में लिखने की सरल प्रक्रिया ने मुझे गीता की शिक्षाओं से गहराई से जोड़ा-ऋतेश
गौरतलब हो कि लेखक ऋतेश निगम पिछले 18 वर्षों से लंदन में रह रहे हैं, ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने देखा है कि पश्चिम में कैसे धार्मिक ग्रंथों का उपयोग अलग तरीके से किया जाता है। एक पूर्व आईटी पेशेवर और बरकतुल्ला विश्वविद्यालय से पासआउट ऋतेश, अब पूर्णकालिक लेखक, प्रकाशक और पुस्तक मेंटर के रूप में कार्यरत हैं। लेखक ऋतेश निगम ने गीता को समझने और उससे जुड़ने की अपनी 15 वर्षों की संघर्ष यात्रा साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे एक श्लोक प्रतिदिन डायरी में लिखने की सरल प्रक्रिया ने उन्हें गीता की शिक्षाओं से गहराई से जोड़ा। उन्होंने बताया कि गीता को एक जर्नल प्रारूप और सरल अनुवाद में प्रस्तुत करने का विचार इसी प्रेरणा से आया ताकि यह व्यापक जनसमुदाय तक पहुँच सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि स्वगीता का जर्नल प्रारूप गीता पथ पर चलने वाले हर व्यक्ति के लिए मार्गदर्शक बनेगा।

समारोह के अंत में स्वगीता की सीमित संस्करण वाली हस्ताक्षरित प्रतियों की माँग इतनी बढ़ी कि वे कुछ ही मिनटों में बिक गईं। इस पुस्तक विमोचन ने न केवल एक ऐतिहासिक क्षण की रचना की बल्कि अनेक लोगों की आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत भी की।