सीजी भास्कर, 8 सितंबर। प्रदेश में सौर ऊर्जा (Solar Energy Awareness Drive) अब केवल बिजली उत्पादन का साधन नहीं, बल्कि आम उपभोक्ताओं के लिए ऊर्जा दाता बनने का अवसर भी प्रदान कर रही है। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना जैसी महत्वाकांक्षी पहल ने स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्य को तेज़ी से आगे बढ़ाने का रास्ता खोला है। राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित जागरूकता अभियान को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने यह बात कही।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सूर्य रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जो लोगों को सौर ऊर्जा के फायदे (Clean Energy Benefits) और सब्सिडी की जानकारी देगा। उन्होंने 618 उपभोक्ताओं के खातों में ऑनलाइन 1.85 करोड़ रुपये की राज्यांश सब्सिडी भी ट्रांसफर की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण गंभीर चिंता के विषय हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को पूरा करने में छत्तीसगढ़ अहम भूमिका निभाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में हॉफ बिजली बिल (Solar Energy Awareness Drive) से आगे बढ़ते हुए अब मुफ्त बिजली की दिशा में कदम बढ़ रहे हैं। साथ ही आमजन से आग्रह किया कि वे आसपास के लोगों को भी इस योजना से जोड़ें, ताकि हर नागरिक स्वच्छ ऊर्जा अपनाने में योगदान दे। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उपभोक्ताओं को सब्सिडी व बैंकिंग सुविधा उपलब्ध करा रही हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना और अन्य योजनाओं से उपभोक्ता स्वयं सौर ऊर्जा का उत्पादन कर रहे हैं और बिजली बेचकर अतिरिक्त आय भी कमा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश की ऊर्जा उत्पादन क्षमता (Energy Production Capacity) में वृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि 2000 में जहां क्षमता 1,400 मेगावाट थी, वहीं आज यह 30,000 मेगावाट हो गई है। नई उद्योग नीति के अंतर्गत 3.50 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं, जिससे उत्पादन क्षमता और बढ़ेगी।
कार्यक्रम में ‘इम्पैक्ट ऑफ डिस्ट्रीब्यूटेड रिन्यूएबल एनर्जी ऑन ग्रिड स्टेबिलिटी’ और ‘एग्रीवोल्टाइक्स परफार्मर हैण्डबुक’ का विमोचन किया गया। साथ ही उत्कृष्ट वेंडरों को सम्मानित किया गया।