देश के 12 राज्यों में मंगलवार से (Special Intensive Revision SIR 2025) की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस पहल का उद्देश्य मतदाता सूचियों को सटीक बनाना और मृत या फर्जी नामों को हटाकर सूची को अपडेट करना है। यह कदम लोकतंत्र को और मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है, लेकिन इसके साथ ही इसने राजनीतिक हलकों में नई बहस भी छेड़ दी है।
DMK ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, बताया लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ कदम
तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी DMK ने (SIR Process) को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार इस प्रक्रिया के ज़रिए मतदाता सूची में हस्तक्षेप कर सकती है। DMK ने दलील दी है कि यह पहल चुनावी निष्पक्षता को कमजोर कर सकती है और कुछ समुदायों के मताधिकार पर प्रतिकूल असर डाल सकती है।
चुनाव आयोग का पक्ष – पारदर्शी और नियमानुसार हो रहा काम
चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा है कि (Special Intensive Revision SIR 2025) पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि मृत मतदाताओं के नाम हटाए जाएं, नए पात्र नागरिकों के नाम जोड़े जाएं और डुप्लिकेट प्रविष्टियों को हटाया जाए। आयोग का मानना है कि यह कदम चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को और मजबूत करेगा।
किन राज्यों में हो रही है प्रक्रिया, जानिए पूरी लिस्ट
यह विशेष पुनरीक्षण उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, असम, तेलंगाना, ओडिशा और पंजाब में एक साथ शुरू किया गया है। यह पहली बार है जब (SIR Voter Revision) अभियान इतने व्यापक स्तर पर एक साथ चलाया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद तय होगी अगली दिशा
अब सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं कि वह DMK की याचिका पर क्या फैसला देता है। अगर कोर्ट ने इस प्रक्रिया पर रोक लगाई, तो यह देशभर में चल रही चुनावी तैयारियों को प्रभावित कर सकता है। वहीं, अगर प्रक्रिया को हरी झंडी मिली, तो यह चुनाव आयोग के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी।
समाज और राजनीति पर असर
यह मामला केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि राजनीतिक रूप से भी बेहद अहम है। (Special Intensive Revision SIR 2025) की वैधता पर आने वाला कोर्ट का निर्णय आने वाले चुनावों की दिशा तय कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि पारदर्शिता और जनविश्वास बनाए रखने के लिए इस प्रक्रिया में तकनीकी और मानव दोनों स्तर पर सतर्कता जरूरी है।
