🟠 जिलाध्यक्ष, बचे मंडल अध्यक्ष, संसदीय सचिव, आयोग, मंत्रिमंडल विस्तार पर कयास तेज, संभावितों के कमल से खिले चेहरे, भाजपा विधायक भी उम्मीद से लबरेज
सीजी भास्कर, 02 जनवरी। छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के राजभवन में राज्यपाल रमेन डेका से मुलाकात ने संभावित मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलों को हवा दे दी है। चर्चा यह भी है कि सीएम नए साल की बधाई देने राजभवन गए हैं लेकिन सूत्र बताते हैं कि आने वाले दो-तीन दिनों के भीतर मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है।
आपको बता दें कि साय मंत्रिमंडल में इस वक्त मंत्रियों के दो पद रिक्त हैं और अगर हरियाणा फार्मूला लागू किया जाता है तो इसकी संख्या बढ़कर तीन भी हो सकती है। हफ्ते भर पहले ही मंत्रिमंडल विस्तार को हरी झंडी मिली थी लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन की वजह से इसे टाल दिया गया। इस बीच मंडल और जिले में संगठन पर्व को लेकर भी चर्चा का रूख बदल गया था।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिल्ली दौरे के दौरान मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर आला नेताओं के बीच रायशुमारी की गई थी। दिल्ली में राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन, प्रदेश अध्यक्ष किरण देव और दोनों ही उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा की बैठक हुई थी।
संगठन चुनाव के मुद्दे पर हुई इस बैठक में संभावित मंत्रिमंडल विस्तार पर भी मुहर लगाई गई। बैठक के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से भी मुलाकात की थी। फिर सीएम जब छत्तीसगढ़ लौटे तो उन्होंने कहा था फिलहाल संगठन पर्व को तवज्जो देते हुए उस पर ही चर्चा हुई है। इसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार टल गया था। आज फिर सुगबुगाहट तेज होने के बाद राजनीतिक गलियारे में अटकलों और कयास का दौर दौड़ पड़ा है।
संभावना जताई जा रही है कि 3 जनवरी से 5 जनवरी के बीच मंत्रिमंडल विस्तार, कुछ आयोग, संसदीय सचिव सहित बचे हुए मंडल अध्यक्ष और जिलाध्यक्षों की घोषणा अवश्य होगी। भारतीय जनता पार्टी संगठन में भी तमाम नेता इसका इंतजार कर रहे हैं। बंद लिफाफे कब खुलेंगे यह तो समय के गर्भ में ही छिपा है मगर कयासों का जबरदस्त दौर चल पड़ा है।
संभावितों के चेहरे जहां इस इंतजार में कयासों और अटकलों के बीच कमल की तरह खिलने लगे हैं वहीं एक वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके भाजपा विधायकों में भी संभावनाओं का करंट दौड़ पड़ा है। वैसे संगठन सूत्र बता रहे हैं कि जिलाध्यक्ष से लेकर मंत्रिमंडल तक नाम लगभग तय हैं मगर जब तक घोषणा की मुहर न लग जाए, कुछ भी हो सकता है।