सीजी भास्कर 11 नवम्बर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में खेल इतिहास का एक नया अध्याय लिखने की तैयारी है। (Sports City Delhi)
खेल मंत्रालय ने फैसला लिया है कि जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम (Jawaharlal Nehru Stadium) को पूरी तरह पुनर्निर्मित कर उसकी जगह पर एक अत्याधुनिक स्पोर्ट्स सिटी (Sports City) बसाई जाएगी। यह परियोजना लगभग 102 एकड़ भूमि में फैली होगी और इसमें आधुनिक खेल सुविधाओं के साथ एकीकृत खेल कैंपस का निर्माण होगा।
सूत्रों के अनुसार, यह प्रोजेक्ट न केवल दिल्ली बल्कि पूरे भारत के लिए एक खेल केंद्र (Sports Hub) बनने की दिशा में अहम कदम साबित होगा।
अंतरराष्ट्रीय मॉडल पर तैयार होगी Sports City Delhi – कतर और ऑस्ट्रेलिया से लिया जाएगा प्रेरणा
नई Sports City Delhi को विश्वस्तरीय बनाने के लिए खेल मंत्रालय की टीमें कतर (Qatar Sports Model) और ऑस्ट्रेलिया (Australia Sports Infrastructure) में मौजूद आधुनिक खेल संरचनाओं का अध्ययन कर रही हैं।
इन देशों के सफल स्पोर्ट्स सिटी मॉडल्स (Sports City Models) से प्रेरणा लेकर भारत में एक ऐसा केंद्र तैयार किया जाएगा, जो खिलाड़ियों को प्रशिक्षण, रिसर्च, और अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट्स के लिए पूरी सुविधा प्रदान करेगा।
सूत्रों के मुताबिक, यह परियोजना भारत को “Global Sports Destination” के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है।
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का इतिहास: एशियन गेम्स से लेकर कॉमनवेल्थ तक की गवाही
दिल्ली का जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम (Jawaharlal Nehru Stadium) 1982 के एशियन गेम्स के लिए बनाया गया था और 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले इसका रेनोवेशन हुआ था।
करीब 60,000 दर्शकों की क्षमता वाला यह स्टेडियम भारत के खेल इतिहास का अहम हिस्सा रहा है।
यहां कई अंतरराष्ट्रीय इवेंट्स, फुटबॉल टूर्नामेंट्स, राष्ट्रीय दिवस समारोह और बड़े कॉन्सर्ट्स आयोजित होते रहे हैं।
हाल ही में यहां वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप भी हुई थी, जिसके लिए करीब ₹30 करोड़ रुपये की लागत से नया Mondo Track बिछाया गया था।
अब इसी ऐतिहासिक स्थान को Sports City Delhi के रूप में एक नई पहचान दी जाएगी।
नई स्पोर्ट्स सिटी: खिलाड़ियों के लिए आधुनिक प्रशिक्षण, आवास और रिसर्च सुविधाएं
खेल मंत्रालय के अनुसार, प्रस्तावित Sports City Delhi में अत्याधुनिक ट्रेनिंग अकादमियां (Training Academies), स्पोर्ट्स साइंस लैब्स, और खिलाड़ियों के लिए रेजिडेंशियल ज़ोन तैयार किया जाएगा।
साथ ही, यहां एक इनडोर एरीना, ओलंपिक साइज स्विमिंग पूल, फुटबॉल एरिना, और मल्टी-डिसिप्लिन जिम्नेजियम भी विकसित किया जाएगा।
सरकार का उद्देश्य खिलाड़ियों को “Train, Compete, and Live” मॉडल के तहत एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
यह पहल भारत को आने वाले दशक में ओलंपिक पदक विजेता (Olympic Medal Prospects) तैयार करने में मदद करेगी।
खेल नीति में बड़ा कदम — भारत को ग्लोबल स्पोर्ट्स पावर बनाने की दिशा में कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रोजेक्ट भारत के खेल इंफ्रास्ट्रक्चर में एक “Policy Breakthrough” साबित होगा।
यह न सिर्फ दिल्ली को एक Sports Capital of India बनाएगा, बल्कि युवाओं में खेल संस्कृति को भी नई दिशा देगा।
खेल मंत्रालय की योजना है कि परियोजना के पहले चरण की नींव 2026 तक रखी जाए और 2030 तक इसे पूरी तरह कार्यान्वित कर दिया जाए।
