प्रयागराज , 19 मार्च 2025 :
प्रयागराज से संचालित निबंधन एवं स्टांप मुख्यालय को लखनऊ शिफ्ट करने के विरोध में कर्मचारियों ने तालाबंदी कर दी और बिजली आपूर्ति ठप कर दी। कर्मचारियों के समर्थन में अधिवक्ता भी धरने पर बैठ गए। डीएम के हस्तक्षेप के बाद निर्णय को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। उप महानिरीक्षक निबंधन रईस अहमद खान ने बताया कुछ गलतफहमी सामने आ गई थी जिसे स्पष्ट कर दिया गया है।
लगभग 140 वर्षों से प्रयागराज में संचालित निबंधन एवं स्टांप मुख्यालय को लखनऊ शिफ्ट करने के विरोध में यहां तैनात कर्मचारी मंगलवार को विरोध में उतर आए। मुख्यालय के विभिन्न कार्यालयों में तालाबंदी करते हुए विद्युत आपूर्ति ठप कर दी गई। इसके बाद कर्मचारियों के समर्थन में अधिवक्ता भी धरने पर बैठ गए।
कर्मचारियों और अधिवक्ताओं ने एकजुटता दिखाते हुए कार्यालय को किसी भी हाल में शिफ्ट न होने देने का संकल्प भी लिया। इस पर मामला डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ के पास उच्चाधिकारी पहुंच गए। डीएम ने एडीएम वित्त एवं राजस्व विनय कुमार सिंह की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच वार्ता हुई, जिसके बाद कार्यालय को शिफ्ट करने के निर्णय को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
लखनऊ बैठते हैं अधिकतर बड़े अधिकारी
उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के परिसर में संचालित हो रहे उप्र निबंधन एवं स्टांप मुख्यालय में महानिरीक्षक निबंधन एवं आयुक्त स्टांप का एक पद है, जबकि एक उप महानिरीक्षक तथा पांच सहायक महानिरीक्षक के पद हैं। सभी पदों पर अधिकारियों की तैनाती है। इनमें ज्यादातर अधिकारी लखनऊ स्थित शिविर कार्यालय में बैठते हैं, जबकि सभी कार्य प्रयागराज स्थित मुख्यालय से होते हैं।
बताते हैं कि इस कार्यालय को शिफ्ट करने के लिए दिसंबर 2024 में कोशिश हुई थी तब प्रमुख सचिव से वार्ता के बाद यह निर्णय टाल दिया गया था। होली के पहले फिर आदेश जारी हो गया। मंगलवार को उप महानिरीक्षक निबंधन व स्टांप रईस अहमद खान, सहायक महानिरीक्षक निर्मल सिंह, कल्पना अवस्थी, सचिन सिंह तथा सतीश कुमार त्रिपाठी मुख्यालय पहुंचे और सभी पत्रावलियों व फाइलों को ले जाने के लिए वार्ता करने लगे।
लखनऊ से फाइलें व फर्नीचर के लिए ट्रक भी लाए गए थे। यह देख कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया। देखते ही देखते सभी कर्मचारी नारेबाजी करने लगे। इसी बीच कर्मचारियों ने मुख्यालय के सभी कार्यालयों, अनुभागों में ताला जड़ दिया। यही नहीं विद्युत आपूर्ति भी ठप कर दिया। इसके बाद लखनऊ से आए उच्चाधिकारियों का घेराव शुरू हो गया।
भारी विरोध-प्रदर्शन के चलते लखनऊ से आए उच्चाधिकारी दोपहर बाद डीएम से मिलने गए। डीएम ने एडीएम वित्त एवं राजस्व को मुख्यालय भेजा, जहां देर शाम तक राजस्व परिषद बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों और उप्र स्टांप व निबंधन लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों के साथ वार्ता हुई। त्रिपक्षीय वार्ता के दौरान फिलहाल कार्यालय को स्थानांतरित न करने का निर्णय लिया गया।
वर्ष 1922 से भारतीय होने लगे महानिरीक्षक
प्रयागराज में निबंधन एवं स्टांप मुख्यालय की स्थापना वर्ष 1885 में हुई थी। पहले महानिरीक्षक अंग्रेज आर वाल बने थे। वर्ष 1922 में पहले भारतीय महानिरीक्षक के रूप में बृजलाल की तैनाती हुई थी। वर्ष 1885 से 1922 तक 12 महानिरीक्षक अंग्रेज ही हुए थे। वर्ष 1967 से इस पद पर आइएएस अधिकारी की तैनाती होने लगी। इस समय वरिष्ठ आइएएस अधिकारी अमित गुप्ता महानिरीक्षक हैं।
सिविल लाइंस कोषागार से आइजी-डीआइजी समेत सभी को जाता है वेतन
उप्र निबंधन एवं स्टांप मुख्यालय में तैनात आइजी, डीआइजी, एआइजी समेत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन सिविल लाइंस कोषागार से ही जारी होता है। यही नहीं वेतन भी मुख्यालय से ही बनता है। सभी कार्य भी मुख्यालय से होता है। सिर्फ हस्ताक्षर के लिए फाइलें लखनऊ स्थित शिविर कार्यालय भेजी जाती हैं, जहां से फिर फाइल वापस आ जाती है। इसीलिए सभी कर्मचारी विरोध कर रहे हैं कि जब सभी कार्य यहां से ही हो रहा तो कार्यालय को शिफ्ट नहीं करना चाहिए। यहां कुल 29 कर्मचारी कार्यरत हैं जबकि कुछ कर्मचारी शिविर कार्यालय लखनऊ भेज दिए गए हैं।