सीजी भास्कर, 8 अगस्त |
रायपुर। बिलासपुर के सेंदरी स्थित प्राथमिक स्कूल में करंट लगने से एक छात्र झुलस गया था, जिस पर अब पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है। हाई कोर्ट के सख्त रुख के बाद अब छत्तीसगढ़ के 45 हजार से ज्यादा स्कूलों में बिजली सुरक्षा को लेकर व्यापक निरीक्षण किया जाएगा।
घटना के बाद हाई कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान
प्राथमिक स्कूल सेंदरी की छत पर बारिश का पानी जमा था, जिससे दीवारें गीली हो गई थीं। इसी दीवार से सटी हुई बिजली की एलटी लाइन गुजर रही थी। इसी वजह से छात्र करंट की चपेट में आ गया। हादसे के बाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया।
बिजली विभाग की जांच में सामने आया तकनीकी दोष
सीएसपीडीसीएल (बिजली कंपनी) की टीम ने तत्काल स्कूल का निरीक्षण किया और बताया कि इन्सुलेटर और वायरिंग की खराबी की वजह से दीवारों में करंट प्रवाहित हो रहा था। तकनीकी टीम ने मौके पर पहुंचते ही करंट प्रवाहित कर रहे तार को हटाया और सारी खामियों को दूर किया।
स्कूल शिक्षा विभाग ने कोर्ट में मांगा 2 माह का समय
राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में 45 हजार से अधिक स्कूल हैं, जहां हाइटेंशन लाइन, रिसाव, और जर्जर वायरिंग जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इन सभी स्कूलों का प्राथमिक निरीक्षण कर रिपोर्ट और सुधार की योजना बनाने के लिए दो महीने का समय मांगा गया है।
हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी – “बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि”
हाई कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि यह मामला सीधे बच्चों की जान से जुड़ा है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। न्यायालय ने यह भी कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर तत्काल और ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।