सीजी भास्कर, 11 सितंबर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कोषालय शासकीय कर्मचारी संघ ने अधीनस्थ लेखा सेवा (promotion) में पद बढ़ाने की मांग को लेकर सरकार को चेतावनी जारी की है।
संघ के प्रांतीय प्रवक्ता रूपेंद्र साहू ने बताया कि वर्ष 2014 से अधीनस्थ लेखा सेवा पदोन्नति (subordinate accounts) और परीक्षा के लिए कोषालय लिपिक के पद घटा दिए गए हैं, जबकि अन्य विभागों में पदोन्नति एवं परीक्षा के पद अधिक हैं।
संगठन ने कई बार शासन को ज्ञापन (memorandum) दिया, लेकिन आज तक कर्मचारी हित में कोई आदेश जारी नहीं हुआ।
पूर्व में संघ ने चरणबद्ध तरीके से अगस्त 2023 से काली पट्टी लगाकर जिला स्तर, संभाग स्तर एवं प्रदेश स्तर पर मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया था।
13 सितंबर 2023 को सचिव स्तर पर पदाधिकारी से चर्चा (discussion) हुई थी, जिसमें अधीनस्थ लेखा सेवा में पद बढ़ाने हेतु सहमति दी गई थी। हालांकि, आज तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश (anger) बढ़ रहा है।
प्रदेश के समस्त जिला अध्यक्ष और संभागीय अध्यक्ष द्वारा बार-बार पत्राचार किया गया, लेकिन अपेक्षित कार्यवाही नहीं हुई।
इस परिपालन में संघ ने एक सूत्री मांग को लेकर जिला अध्यक्ष और संबंधित अध्यक्षों के माध्यम से नया ज्ञापन (petition) शासन को सौंपा है।
संघ ने साफ कर दिया कि यदि 15 दिवस के भीतर मांग पूरी नहीं की गई, तो संगठन चरणबद्ध आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
रूपेंद्र साहू ने कहा कि यह आंदोलन केवल पदोन्नति (promotion) की मांग तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि संघ पूरे प्रदेश स्तर पर सक्रिय होकर अन्य कर्मचारी हितों की रक्षा करेगा।
कर्मचारियों का कहना है कि लंबे समय से लगातार प्रतीक्षा के बावजूद किसी ठोस कदम नहीं उठाए जाने से वे मानसिक और पेशेवर दबाव में हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार इस मुद्दे पर शीघ्र प्रतिक्रिया नहीं देती, तो संघ का आंदोलन व्यापक रूप ले सकता है और राज्य की प्रशासनिक कार्यवाही पर भी असर पड़ सकता है।
कर्मचारियों के बीच बढ़ती नाराजगी और आक्रोश सरकार के लिए चुनौती (challenge) बन सकता है।
अधीनस्थ लेखा सेवा के पदों में वृद्धि और परीक्षा के लिए पदों का पुनर्निर्धारण कर्मचारी संघ की प्राथमिक मांग है।
संघ का कहना है कि लंबे समय से इस मुद्दे को लेकर ज्ञापन, पत्राचार और बातचीत का क्रम जारी है, लेकिन निष्पक्ष और त्वरित कार्यवाही नहीं होने से कर्मचारी आंदोलन की धमकी दे रहे हैं।
संघ ने साफ किया कि 15 दिन के भीतर मांग पूरी न होने पर चरणबद्ध आंदोलन (protest) में जिला और संभाग स्तर पर विरोध प्रदर्शन, सड़कों पर मार्च और अन्य प्रशासनिक गतिविधियां शामिल होंगी।
कर्मचारी संघ का यह कदम राज्य सरकार के सामने चेतावनी (warning) है कि अब और देर नहीं की जा सकती। इस बार संघ का आंदोलन केवल चेतावनी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि व्यापक और प्रभावशाली रूप में सामने आएगा।