सी जी भास्कर । भारत के सुप्रीम कोर्ट को नया झंडा मिल चुका है। सुप्रीम कोर्ट की 75वीं वर्षगांठ पर नए झंडे का अनावरण हुआ। सुप्रीम कोर्ट के नए झंडे पर संस्कृत भाषा में ‘यतो धर्मस्य ततो जय’ लिखा हुआ है। जिसका अर्थ है ‘जहां धर्म है वही विजय है।’ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर नए झंडे और प्रतीक चिह्न का अनावरण किया।
क्या है सुप्रीम कोर्ट के नए झंडे की खासियत?
सुप्रीम कोर्ट के इस नए ध्वज में सबसे ऊपर अशोक चक्र, बीच में सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग और सबसे नीचे संविधान की किताब है। इस नए ध्वज और प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल क्रॉस टेबल फ्लैग, सिंगल टेबल फ्लैग, कार फ्लैग, पोल फ्लैग और वुडन फ्रैम में भी किया जाएगा।
राष्ट्रपति ने किया जजों को संबोधित
इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार को कहा कि त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए अदालतों में ‘स्थगन की संस्कृति’ को बदलने के प्रयास किए जाने की जरूरत है। जिला न्यायपालिका के दो-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अदालतों में लंबित मामलों का होना हम सभी के लिए एक बड़ी चुनौती है।
मुर्मू ने कहा कि न्याय की रक्षा करना देश के सभी न्यायाधीशों की जिम्मेदारी है। अदालती माहौल में आम लोगों में तनाव का स्तर बढ़ जाता है। उन्होंने इस विषय पर अध्ययन का भी सुझाव दिया। उन्होंने महिला न्यायिक अधिकारियों की संख्या में वृद्धि पर भी प्रसन्नता व्यक्त की। इस कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल हुए।