सीजी भास्कर, 24 मई : ओडिशा हाईकोर्ट ने जालसाजी के एक मामले में हैरान कर देने वाला फैसला सुनाया है, जिसकी चर्चा अब हर तरफ हो रही है. इसके साथ ही फैसले में जो शर्त रखी है उसकी भी चर्चा हो रही है. कोर्ट ने जालसाली के मामले में जेल में बंद एक महिला की जमानत याचिका पर सुनवाई पर ये फैसला सुनाया है.
जमानत पर रिहा होने के बाद आवेदनकारी महिला को कटक रिंगरोड स्थित आईसीआईसीआई बैंक शाखा परिसर की 2 महीने तक सफाई करनी होगी. सुबह 8 से 10 बजे के दौरान आवेदनकारी आईसीआईसीआई बैंक परिसर को साफ करेगी.
इसके लिए आईसीआईसीआई बैंक को आवेदनकारी को खुद अनुरोध करना होगा. जमानत पर रहने के दौरान आवेदनकारी किसी आपराधिक मामले में शामिल नहीं होगी. इसके अलावा महिला बैंक के बैंक में सफाई के दौरान और सफाई सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस की रहेगी.
महिला ने गिरवी रखी जमीन बेंची
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महिला और उसके साथ वाले ने ICICI बैंक की कटक ब्रांच से कुल मिलाकर 1.05 करोड़ का लोन लिया था. ये लोन 3 अलग-अलग बार में लिया गया. बैंक से लोन लेने के एवज में महिला और उसके साथी ने भुवनेश्वर में तीन आवासीय संपत्तियों को गिरवी रखा था, लेकिन तीनों लोन जब्त होने से पहले महिला के सह-उधारकर्ता ने गिरवी रखी गई संपत्तियों में से एक को तीसरे व्यक्ति को बेच दिया, जिसने तुरंत बैंक में शिकायत दर्ज कराई. महिला और उसके साथी ने यह लोन साल 2018 में लिया था. पुलिस इस मामले में महिला की लंबे समय में तलाश कर रही थी.
क्राइम ब्रांच की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 5 फरवरी को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत गिरफ्तार किया था. कोर्ट के इस फैसले की चर्चा अब देश भर में हो रही है. तो वहीं दूसरी तरफ इस तरह का क्राइम करने वालों की नींंद उड़ गई है.