टाटा समूह से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। (Tata Trusts Update) टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा ने अपने बेटे नेविल टाटा को टाटा संस में बहुलांश हिस्सेदारी रखने वाले दो प्रमुख ट्रस्टों में से एक श्री दोराबजी टाटा ट्रस्ट (SDTT) के बोर्ड में शामिल करा लिया है। हालांकि, वे सर रतन टाटा ट्रस्ट (SRTT) में उन्हें और पूर्व कंपनी प्रमुख भास्कर भट को शामिल कराने में असफल रहे।
गौरतलब है कि रतन टाटा के निधन के बाद अक्टूबर 2024 में नोएल टाटा ने टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी संभाली थी। यह संगठन सामूहिक रूप से टाटा संस में 65.4% हिस्सेदारी रखता है। टाटा संस, 156 साल पुराने टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है, जिसके अंतर्गत लगभग 400 कंपनियां हैं, जिनमें 30 सूचीबद्ध संस्थाएं भी शामिल हैं।
दोराबजी टाटा ट्रस्ट में नेविल और भास्कर भट की एंट्री
ट्रस्ट द्वारा बुधवार को जारी बयान के अनुसार, नोएल के बेटे नेविल टाटा और समूह के पूर्व प्रमुख भास्कर भट को श्री दोराबजी टाटा ट्रस्ट में सदस्य नियुक्त किया गया। इस ट्रस्ट की टाटा संस में लगभग 28% हिस्सेदारी है। माना जा रहा है कि यह नियुक्ति नोएल टाटा के लिए संगठन के भीतर एक रणनीतिक मजबूती का संकेत है।
सर रतन टाटा ट्रस्ट में अटकी राह,
सूत्रों के मुताबिक, नोएल टाटा अपने बेटे और भास्कर भट को सर रतन टाटा ट्रस्ट में शामिल नहीं करा सके। इस ट्रस्ट की टाटा संस में 23.6% हिस्सेदारी है। बताया जाता है कि ट्रस्ट के वाइस चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन ने इस नियुक्ति प्रक्रिया पर आपत्ति जताई। उनका कहना था कि ऐसे प्रस्तावों को “किसी अन्य विषय पर चर्चा” के तहत पेश नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि उन्हें एजेंडे में औपचारिक रूप से शामिल कर पूरी चर्चा के बाद निर्णय लेना चाहिए।
टाटा समूह में बदलते समीकरण
यह नाटकीय घटनाक्रम उस समय हुआ है जब हाल ही में रतन टाटा के पुराने विश्वासपात्र और लंबे समय से ट्रस्टी रहे मेहली मिस्त्री को ट्रस्ट बोर्ड से हटाया गया था। मिस्त्री, शापूरजी पलोनजी परिवार से संबंधित हैं, जिनकी टाटा संस में 18.4% हिस्सेदारी है। सितंबर में मिस्त्री और अन्य तीन ट्रस्टियों प्रमित झावेरी, डेरियस खंबाटा और जहांगीर एचसी जहांगीर ने नोएल कैंप के करीबी माने जाने वाले पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह को टाटा संस बोर्ड से हटाने के लिए मतदान किया था। इस कदम के बाद टाटा ट्रस्ट्स के भीतर शक्ति संतुलन और रणनीतिक गठजोड़ों में बड़े बदलाव के संकेत देखे जा रहे हैं।
