सीजी भास्कर, 12 सितंबर। भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम को बड़ा बूस्ट मिला है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड(Tejas Mk-1A) (HAL) को अमेरिका से तीसरा GE-404 इंजन मिल गया है। यह इंजन तेजस Mk-1A फाइटर जेट्स के लिए है। HAL का कहना है कि सितंबर के अंत तक चौथा इंजन भी आ जाएगा।
अक्टूबर में होगी पहली डिलीवरी
HAL ने पुष्टि की है कि भारतीय वायुसेना (IAF) को अक्टूबर 2025 में दो तेजस Mk-1A विमान सौंपे जाएंगे। हालांकि यह डिलीवरी लगभग दो साल की देरी से हो रही है। इससे पहले सितंबर में इन विमानों(Tejas Mk-1A) के हथियार परीक्षण किए जाएंगे।
हथियारों के ट्रायल
तेजस-मार्क 1A से इन हथियारों की टेस्टिंग होगी:
अस्त्र BVR मिसाइल (110 किमी)
ASRAAM शॉर्ट रेंज मिसाइल
लेजर गाइडेड बम
पहले हुए ट्रायल्स में एक बार सफलता और एक बार असफलता मिली थी, जिसके बाद HAL ने सॉफ़्टवेयर(Tejas Mk-1A) में सुधार किया है।
इंजन सप्लाई शेड्यूल
मार्च 2026 तक: 10 इंजन
दिसंबर 2026 तक: 20 और इंजन
यानी आने वाले महीनों में वायुसेना को तेजस की डिलीवरी की रफ्तार तेज होने वाली है।
IAF की स्क्वाड्रन स्ट्रेंथ की चुनौती
वायुसेना को 42 स्क्वाड्रन की जरूरत है, लेकिन अभी सिर्फ 31 स्क्वाड्रन हैं।
26 सितंबर 2025 को MiG-21 की दो स्क्वाड्रन रिटायर होंगी, इसके बाद संख्या घटकर 29 रह जाएगी।
तेजस Mk-1A इस गैप को काफी हद तक भरने में मदद करेगा।
बीकानेर में तैनात होगी ‘कोबरा स्क्वाड्रन’
पहली तैनाती बीकानेर एयरबेस पर होगी। यहां ‘कोबरा स्क्वाड्रन’ को तेजस से लैस किया जाएगा। अभी तक यह स्क्वाड्रन MiG-21 बाइसन से संचालित होती रही है।
तेजस Mk-1A की खूबियां
वजन: 6,500 किग्रा (खाली), बेहद हल्का
स्पीड: मैक 1.8 (2,220 किमी/घंटा)
इंजन: GE F404-IN20 (थ्रस्ट 90 kN)
रडार: AESA (200 किमी तक ट्रैकिंग)
पेलोड: 5,300 किग्रा, 9 हार्ड पॉइंट्स
RCS: 0.5 m² (बेहतर स्टील्थ)
हथियार: Astra, ASRAAM, Derby, LGB, Rockets
EW सूट और मिशन कंप्यूटर: पूरी तरह स्वदेशी
JF-17 Thunder vs J-10C vs Tejas Mk-1A
JF-17 (पाकिस्तान): कम थ्रस्ट, कम रेंज, कमजोर स्टील्थ
J-10C (चीन): लंबी दूरी पर मजबूत, लेकिन भारी और कम चुस्त
Tejas Mk-1A (भारत): बेहतर स्टील्थ, तेज़, हल्का, EW सिस्टम में एडवांस