सीजी भास्कर, 18 अगस्त। मुंबई मराठा इतिहास से जुड़ी एक अहम धरोहर अब महाराष्ट्र लौट आई है।
लंदन में हुई नीलामी से खरीदी गई राजे रघुजी भोसले की ऐतिहासिक तलवार सोमवार को मुंबई पहुंचने वाली है। तलवार के स्वागत के लिए राज्य सरकार ने रेड कारपेट और भव्य जुलूस की तैयारी की है।
एयरपोर्ट से सांस्कृतिक शो तक पहुंचेगी तलवार
सुबह तलवार जैसे ही मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचेगी, वहां उसका पारंपरिक स्वागत किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्य मंत्री आशीष शेलार तलवार को अपने कब्जे में लेंगे।
इसके बाद छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को नमन कर तलवार को बाइक रैली और चित्ररथ के माध्यम से पु. ल. देशपांडे महाराष्ट्र कला अकादमी तक ले जाया जाएगा।
शाम को आयोजित विशेष समारोह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस धरोहर का लोकार्पण करेंगे।
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजित पवार और रघुजी राजे भोसले के वंशज मुधोजी राजे भोसले भी मौजूद रहेंगे।
मराठा साम्राज्य से जुड़ी तलवार की कहानी
यह तलवार सिर्फ धातु का एक टुकड़ा नहीं, बल्कि मराठा साम्राज्य की वीरता और गौरव की निशानी है। रघुजी राजे भोसले, छत्रपति शिवाजी महाराज के वंश से संबंध रखते थे।
उन्होंने नागपुर को राजधानी बनाकर भोसले घराने की स्वतंत्र शाखा स्थापित की और मराठा शक्ति को विदर्भ, छत्तीसगढ़, ओडिशा और मध्य भारत तक फैलाया।
नागपुर बना मराठा शक्ति का गढ़
18वीं सदी में जब मुगल साम्राज्य कमजोर पड़ रहा था, रघुजी भोसले ने उत्तर भारत तक अपनी ताकत दिखाई। वे कई बार दिल्ली की राजनीति में भी निर्णायक भूमिका निभाते रहे।
उनके शासन में नागपुर न सिर्फ सांस्कृतिक बल्कि प्रशासनिक दृष्टि से भी मजबूत हुआ और मराठा साम्राज्य का एक अहम केंद्र बन गया।
ऐतिहासिक महत्व
रघुजी भोसले सिर्फ एक योद्धा ही नहीं बल्कि दूरदर्शी शासक भी थे। उनकी स्थापित नागपुर भोसले शाखा ने आगे चलकर मराठों और अंग्रेजों की लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभाई।
यही वजह है कि यह तलवार केवल एक शस्त्र नहीं, बल्कि मराठा गौरव और स्वाभिमान का प्रतीक है।