बांसवाड़ा (राजस्थान)।
कहते हैं “जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय…”। यह कहावत राजस्थान के बांसवाड़ा में सच साबित हुई। यहां लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जिला कलेक्टर ने शनिवार को स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी थी। इसी बीच खांदू कॉलोनी स्थित श्री महात्मा गांधी स्कूल की जर्जर छत अचानक भरभरा कर गिर गई।
छुट्टी होने के कारण स्कूल में बच्चे मौजूद नहीं थे और एक बड़ा हादसा टल गया। अगर अवकाश न होता तो यह घटना झालावाड़ जैसी त्रासदी दोहरा सकती थी, जहां हाल ही में स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई थी और 34 से अधिक घायल हुए थे।
जर्जर इमारत का गिरा हिस्सा
शनिवार सुबह स्कूल भवन का कमजोर हिस्सा गिरा। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह भवन पिछले दो महीनों से बेहद जर्जर हालत में था। छत गिरने की आशंका पहले से बनी हुई थी। इसके बावजूद प्रशासन और शिक्षा विभाग ने कार्रवाई नहीं की।
छात्रों की आवाजाही पर रोक थी
अधिकारियों का दावा है कि जिस हिस्से की छत गिरी, वहां छात्रों की आवाजाही पहले से प्रतिबंधित थी। फिर भी यह खतरा स्कूल परिसर के भीतर मौजूद था, जिससे बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठना लाजमी है।
प्रशासन की लापरवाही उजागर
राज्य सरकार पहले ही सभी पुराने और जर्जर स्कूल भवनों को गिराने का आदेश दे चुकी है। लेकिन जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया। नतीजा यह हुआ कि स्कूल का हिस्सा ढह गया। हालांकि इस बार किसी की जान नहीं गई, मगर यह घटना अधिकारियों की गंभीर लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी को उजागर करती है।