गोरखपुर:
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक बेहद अजीब और हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक युवक ने सिर्फ इसलिए गांव छोड़ दिया क्योंकि उसे गांव का नाम “इस्लामपुर” पसंद नहीं था। पिछले चार सालों से वह इस कोशिश में लगा है कि गांव का नाम बदलकर “सीतारामपुर” करवा सके, लेकिन जब सारे रास्ते बंद हो गए, तो वह अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंच गया।
नाम से नाराज़, छोड़ा गांव
गुलरिहा थाना क्षेत्र के इस्लामपुर गांव का रहने वाला श्याम तिवारी अपने गांव के नाम को लेकर पिछले 4 सालों से नाराज था। उसका कहना है कि गांव की 98% आबादी हिंदू है, फिर भी इसका नाम “इस्लामपुर” क्यों है? इस वजह से उसने परिवार सहित गांव छोड़ दिया और कानपुर में रहने लगा।
पंचायत चुनाव लड़ा – मकसद सिर्फ नाम बदलना
श्याम तिवारी ने गांव के नाम बदलने की जिद में पंचायत चुनाव भी लड़ा था। उसने गांववालों से वादा किया कि अगर वह प्रधान बना तो गांव का नाम बदलवा देगा। लेकिन चुनाव हार गया। जब उसने हार का कारण पूछा तो गांव वालों ने तंज कसते हुए कहा, “पहले नाम बदलो, फिर जिताएंगे।”
IGPRS में शिकायत से लेकर सीएम ऑफिस तक
नाम बदलवाने के लिए उसने IGPRS पोर्टल पर भी शिकायत की थी। उसने लिखा कि “गांव में लगभग सभी लोग हिंदू हैं, लेकिन गांव का नाम इस्लामपुर क्यों?” हालांकि, अफसरों ने राजस्व संहिता का हवाला देते हुए नाम परिवर्तन को असंवैधानिक बताया और शिकायत खारिज कर दी।
योगी से मिलने पहुंचा – पुलिस ने पकड़ा
हाल ही में श्याम तिवारी कानपुर से लखनऊ पहुंचा और मुख्यमंत्री कार्यालय में सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने की जिद पकड़ ली। जब उसे समझाया गया तो भी वह नहीं माना। आखिरकार गौतमपल्ली थाना पुलिस ने उसे शांति भंग के आरोप में हिरासत में ले लिया और गुलरिहा पुलिस को सौंप दिया।