सीजी भास्कर 23 अगस्त:
इस्लामाबाद
पाकिस्तान की ताज़ा इकॉनॉमिक सेंसस रिपोर्ट ने चौंकाने वाले आंकड़े उजागर किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, देश में मस्जिदों और मदरसों की संख्या फैक्ट्रियों से कई गुना अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान में 6 लाख से ज्यादा मस्जिदें और 36 हजार से अधिक मदरसे मौजूद हैं, जबकि फैक्ट्रियों की कुल संख्या महज 23 हजार है।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बेलआउट पैकेज के लिए बातचीत कर रहा है।
सर्विस सेक्टर बना सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता
सर्वे के अनुसार, पाकिस्तान में कुल 40 मिलियन स्थायी इकाइयों में से लगभग 7.2 मिलियन रोजगार संरचनाएं दर्ज की गई हैं। 2023 तक इनमें 25.4 मिलियन लोग काम कर रहे थे।
- सर्विस सेक्टर: 45% (11.3 मिलियन कर्मचारी)
- सोशल सेक्टर: 30% (7.6 मिलियन कर्मचारी)
- प्रोडक्शन सेक्टर: केवल 22%
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह आंकड़े इस मिथक को तोड़ते हैं कि उद्योग ही देश का मुख्य जॉब क्रिएटर है। असल में, सर्विस सेक्टर दोगुना रोजगार मुहैया करा रहा है।
शिक्षा और धार्मिक संस्थानों का हाल
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पाकिस्तान में दर्ज प्रतिष्ठानों में शामिल हैं:
- 2.7 मिलियन रिटेल शॉप्स
- 1.88 लाख होलसेल शॉप्स
- 2.56 लाख होटल
- 1.19 लाख अस्पताल
- 2.42 लाख स्कूल
- 11,568 कॉलेज
- 214 यूनिवर्सिटी
- 6.04 लाख मस्जिदें
- 36,331 मदरसे
इनमें से ज्यादातर स्कूल सरकारी हैं, जबकि कॉलेजों में निजी संस्थानों की हिस्सेदारी अधिक है।
प्रांतवार वितरण
- पंजाब: 58% प्रतिष्ठान
- सिंध: 20%
- खैबर पख्तूनख्वा: 15%
- बलूचिस्तान: 6%
- इस्लामाबाद कैपिटल रीजन: 1%
रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान के ज्यादातर बिज़नेस छोटे स्तर के हैं। लगभग 7.1 मिलियन संरचनाएं केवल 1–50 लोगों को रोजगार देती हैं।
- 51–250 कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान: 35,351
- 250 से ज्यादा कर्मचारियों वाले यूनिट्स: सिर्फ 7,086
सरकार का बयान
रिपोर्ट पेश करते हुए योजना मंत्री अहसान इकबाल ने कहा:
“विश्वसनीय डेटा सतत विकास की रीढ़ है। यह न केवल एविडेंस-बेस्ड प्लानिंग में मदद करता है, बल्कि बेहतर निर्णय लेने का आधार भी बनता है।”