सीजी भास्कर, 13 अगस्त |
कोरबा (छत्तीसगढ़) – कोरबा जिले के कोरकोमा गांव में मुर्गा-भात खाने और शराब पीने के बाद बीमार हुए एक और व्यक्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अब तक इस मामले में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, मौत की वजह को लेकर परिजनों और पुलिस के बीच मतभेद बना हुआ है।
पुलिस का कहना है कि यह मामला फूड प्वॉइजनिंग का है, जबकि मृतकों के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि असल कारण जहरीली महुआ शराब है, और पुलिस इस पहलू को नजरअंदाज कर रही है।
मामला कैसे शुरू हुआ?
31 जुलाई को गांव में पूजा-पाठ के दौरान मुर्गा-भात और महुआ शराब परोसी गई थी। इसे खाने-पीने के बाद रजमीन बाई (62), जेल सिंह (27), राजाराम (52), राजकुमार (58) और चमेली बाई (48) की तबीयत अचानक बिगड़ गई। सभी को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इलाज के दौरान सबसे पहले रजमीन बाई और जेल सिंह की मौत हो गई। मंगलवार को इलाज के दौरान राजाराम की भी मौत हो गई।
परिजनों का आरोप – शराब से हुई मौत
मृतक राजाराम की पत्नी शिवा बाई ने कहा कि उनके पति की मौत मुर्गा-भात से नहीं, बल्कि जहरीली महुआ शराब पीने से हुई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि जेल सिंह ने मुर्गा-भात खाया ही नहीं था, सिर्फ शराब पी थी और उसकी भी मौत हो गई।
परिजनों का कहना है कि यदि पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच करे, तो जहरीली शराब के रैकेट का पर्दाफाश हो सकता है।
पुलिस का बयान
कोरबा के सीएसपी भूषण एक्का ने बताया कि अब तक की जांच में यह मामला फूड प्वॉइजनिंग का सामने आया है। पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
क्षेत्र में बढ़ी चिंता
लगातार हो रही मौतों के बाद ग्रामीणों में भय का माहौल है। लोग मांग कर रहे हैं कि पुलिस सख्त कार्रवाई करे और जहरीली शराब बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो।