सीजी भास्कर, 08 अप्रैल। जिले की साइबर थाना पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन सभी पर आरोप है कि ये फर्जी बैंक खातों के जरिए लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर रहे थे।
गिरोह ने एक महिला को वीडियो कॉल के जरिए 48 घंटे तक ‘डिजिटल आरेस्ट’ कर उससे 8.10 लाख रुपये ऐंठ लिए. पुलिस ने आरोपियों से पांच मोबाइल फोन और एक महिंद्रा थार कार भी बरामद की है। मामला दिल्ली में उत्तर सायबर थाना क्षेत्र का है।
CBI-ED का नाम लेकर धमकी : दिल्ली के लाहौरी गेट निवासी शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्हें एक अज्ञात कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकॉम विभाग का अधिकारी बताया और फर्जी सिम इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। इसके बाद उन्हें व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल्स आने लगे, जिनमें कॉल करने वाले खुद को सीबीआई और ईडी अधिकारी बताकर मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी की धमकी देने लगे।
आरोप है कि फर्जी सुप्रीम कोर्ट और जांच एजेंसियों के दस्तावेज़ दिखाकर महिला को डराया गया और उसे, उसकी बेटी और पिता को 48 घंटे तक वीडियो कॉल पर नज़रबंद रखा गया. इसी दौरान आरोपियों ने उनसे कुल 8.10 लाख रुपये की ठगी की.
साइबर पुलिस ने ठगी गिरोह के 4 सदस्यों को पकड़ा
शिकायत के बाद साइबर थाना उत्तर में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. टीम ने तकनीकी जांच और कॉल डिटेल्स के जरिए आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की. ग्रेटर कैलाश, कालकाजी और आर.के. पुरम में छापेमारी कर चार आरोपियों राजा मंडल, तुषार थापा, सौरभ तिवारी और अनुप कुमार तिवारी को गिरफ्तार किया गया.
पूछताछ में खुलासा हुआ कि सौरभ और तुषार इलाके में रहने वाले लोगों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खुलवाते थे और हर लेन-देन पर कमीशन देते थे. खाते के जरिए ठगी की रकम ट्रांसफर कराई जाती थी, जिसे बाद में नगद निकाला जाता था.
पुलिस ने पीछा करते हुए पकड़ी थार कार
जब पुलिस ने आर.के. पुरम में छापा मारा तो दो आरोपी मौके से फरार हो गए, लेकिन अपनी महिंद्रा थार कार छोड़ गए जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है. एक मोबाइल फोन भी बरामद किया गया.
पुलिस की छानबीन जारी
दिल्ली पुलिस ने मामले में और धाराएं जोड़ते हुए आगे की जांच शुरू कर दी है. मामले में फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है. पुलिस का मानना है कि यह एक संगठित गिरोह है, जो देशभर में कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है.