सीजी भास्कर, 10 नवंबर | Tikrapara Fire Incident रायपुर के टिकरापारा थाना क्षेत्र के संतोषीनगर इलाके में शनिवार देर रात एक ऐसी घटना हुई जिसने सभी को हैरान कर दिया।
एक 10 साल के बच्चे ने महज गुस्से में तीन बाइक, एक ऑटो रिक्शा और एक मिल्क प्रोडक्ट गोदाम को आग के हवाले कर दिया।
घटना से इलाके में अफरा-तफरी मच गई, और लोगों ने इसे पहले किसी असामाजिक तत्व (antisocial element) की हरकत समझा।
थोड़ी ही देर में लपटें इतनी तेज हो गईं कि आस-पास के घरों तक धुआं फैल गया। लोगों ने तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी।
आग से लाखों रुपये का सामान जलकर राख हो गया।
सीसीटीवी फुटेज में खुला राज – Tikrapara Fire Incident में कोई बदमाश नहीं, बल्कि एक 10 साल का बच्चा
जब पुलिस मौके पर पहुंची और आसपास लगे CCTV कैमरों (CCTV Footage) की जांच की, तो मामला बिल्कुल अलग निकला।
फुटेज में दिखाई दिया कि कोई नशेड़ी या अपराधी नहीं, बल्कि 10 साल का मासूम बच्चा ही पेट्रोल निकालकर बाइक में आग लगा रहा था।
वह बड़ी सहजता से एक बाइक से पेट्रोल निकालता है, फिर उसे दूसरी गाड़ी की सीट पर उड़ेलकर आग लगाता है।
Tikrapara Fire Incident का यह वीडियो पुलिस को भी चौंका गया, क्योंकि इतनी सोच-समझकर की गई हरकत किसी बच्चे से उम्मीद नहीं की जा सकती थी।
खेलने से मना करने पर लिया बदला – “हमसे पानी फेंककर भगाया था”
जब पुलिस ने बच्चे को समझाने और पूछताछ के लिए बुलाया, तो उसने जो बताया, उसने सभी को निरुत्तर कर दिया।
बच्चे ने कहा — “हम वहां खेल रहे थे, तो किसी ने हमें डांट दिया और पानी डालकर भगा दिया।”
बस, इसी बात से गुस्से में आकर उसने बदला लेने (Revenge Reaction) का फैसला कर लिया और आग लगाने की योजना बनाई।
उसने रात में मौका देखकर पेट्रोल निकाला और तीन बाइकों में आग लगाई। आग फैलते हुए मिल्क प्रोडक्ट गोदाम (Milk Product Godown) तक पहुंच गई, जिससे वहां रखे सामान भी राख में बदल गए।
आग से फैली दहशत – लोगों ने थाने का घेराव कर जताया आक्रोश
आगजनी की घटना के बाद संतोषीनगर के लोगों में भारी गुस्सा देखा गया।
रात के वक्त अचानक हुई इस घटना के बाद उन्होंने थाने का घेराव (Police Protest) किया और पुलिस गश्त की लापरवाही पर सवाल उठाए।
लोगों ने मांग की कि रात में नियमित गश्त बढ़ाई जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
Tikrapara Fire Incident के बाद पुलिस ने मौके से सबूत जुटाए और पूरा मुआयना किया।
फायर ब्रिगेड की टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
परिजनों को दी चेतावनी – बाल कल्याण समिति को भेजी रिपोर्ट
टिकरापारा पुलिस ने बच्चे के परिजनों (Parents) को थाने बुलाकर कड़ी चेतावनी दी है।
साथ ही बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee) को पूरे मामले की जानकारी भेजी गई है ताकि बच्चे की मानसिक स्थिति का मूल्यांकन किया जा सके।
पुलिस का कहना है कि फिलहाल बच्चे पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन परिवार को उसकी निगरानी और व्यवहार सुधारने के निर्देश दिए गए हैं।
इस Tikrapara Fire Incident ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि बच्चों में गुस्सा और असंवेदनशीलता क्यों बढ़ रही है।
सामाजिक संदेश: गुस्से में उठाया गया कदम बन सकता है हादसे की वजह
यह पूरी घटना सिर्फ Tikrapara Fire Incident नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है।
एक छोटी-सी भावनात्मक प्रतिक्रिया ने लाखों रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा दिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि माता-पिता और शिक्षकों (Parents and Teachers) को बच्चों में संवाद, धैर्य और संवेदनशीलता बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।
अगर समय रहते बच्चे के मन में उपजे गुस्से को समझा जाता, तो शायद ये हादसा नहीं होता।
