Tobacco and Male Infertility : बीड़ी, सिगरेट और गुटखा जैसी आदतें अब केवल फेफड़ों या दिल तक सीमित खतरा नहीं रहीं। मध्य भारत में हुए एक वैज्ञानिक अध्ययन ने संकेत दिए हैं कि तंबाकू पुरुषों की प्रजनन क्षमता को भीतर से कमजोर कर रहा है। लंबे समय तक सेवन करने वालों में निःसंतानता का जोखिम तेजी से बढ़ता देखा गया है।
इस अध्ययन की खास बात यह रही कि प्रजनन क्षमता को समझने के लिए सामान्य जांच पद्धतियों से अलग रास्ता अपनाया गया। शोधकर्ताओं ने पोस्टमार्टम के दौरान प्रजनन अंगों और शुक्राणुओं की सूक्ष्म संरचना का विश्लेषण किया, जिससे तंबाकू के दीर्घकालिक प्रभावों को स्पष्ट रूप से देखा जा सका।
अध्ययन में सामने आया कि तंबाकू में मौजूद विषैले रसायन धीरे-धीरे प्रजनन अंगों के ऊतकों में जमा हो जाते हैं। इससे शुक्राणुओं की संख्या घटती है और उनकी गतिशीलता भी प्रभावित होती है। कई मामलों में शुक्राणु इतने कमजोर पाए गए कि वे निषेचन की प्रक्रिया में भाग लेने में सक्षम नहीं थे।
शोधकर्ताओं के अनुसार यह नुकसान अचानक नहीं होता। शुरुआती वर्षों में शरीर इसके संकेत नहीं देता, लेकिन लगातार सेवन से अंदरूनी संरचना बदलने लगती है। यही कारण है कि कई पुरुषों को समय रहते समस्या का अहसास नहीं हो पाता और बाद में गंभीर परिणाम सामने आते हैं।
इस अध्ययन को वैज्ञानिक मंच पर प्रस्तुत किए जाने के बाद विशेषज्ञों का ध्यान आकर्षित हुआ। शोध को इसकी पद्धति और निष्कर्षों के लिए सराहा गया, क्योंकि यह पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़े एक कम चर्चित पहलू को सामने लाता है।
शोध से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि स्वस्थ परिवार और आने वाली पीढ़ी की सुरक्षा के लिए तंबाकू से दूरी बेहद जरूरी है। इसका प्रभाव चुपचाप शरीर में गहराता है और जब तक संकेत मिलते हैं, तब तक नुकसान काफी बढ़ चुका होता है।


