सीजी भास्कर, 4 नवंबर | छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के Chief Justice Ramesh Sinha की बेंच ने रायपुर में चल रहे (Tomar Brothers Bail Rejected) ब्लैकमेलिंग और सूदखोरी से जुड़े चर्चित केस में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने हिस्ट्रीशीटर रोहित तोमर और वीरेंद्र तोमर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जबकि दोनों की पत्नियों और भतीजे को राहत देते हुए अग्रिम जमानत मंजूर की है।
यह फैसला रायपुर पुलिस और प्रशासन दोनों के लिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि दोनों भाई अब भी फरार चल रहे हैं।
सरकारी वकील ने जताई आपत्ति, कहा – लंबा है भाइयों का आपराधिक रिकॉर्ड
सरकारी वकील ने अदालत में तोमर बंधुओं की जमानत याचिका (Court Hearing) का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि दोनों भाइयों का आपराधिक रिकॉर्ड लंबा है और उनके खिलाफ लगभग 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
पुलिस छापेमारी में तोमर बंधुओं के घर से blank chequebooks, हथियार और जिंदा कारतूस बरामद किए गए थे। साथ ही, वे बिना लाइसेंस के अवैध सूदखोरी (Illegal Money Lending) करते पाए गए।
High Court ने कहा – गंभीर अपराधों में राहत नहीं दी जा सकती
जमानत याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि जब अपराध organized crime से जुड़ा हो, तब अदालत से अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती। अदालत ने कहा कि मामले की गंभीरता और साक्ष्यों के आधार पर तोमर बंधुओं को किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जा सकती।
वहीं, अदालत ने पत्नियों और भतीजे को अंतरिम राहत देते हुए कहा कि जांच में सहयोग जारी रखें।
फरार तोमर बंधु पर इनाम, पुलिस ने जारी की तलाश
दोनों भाई—Rohit Tomar और Virendra Tomar—पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों फरार हो गए हैं। पुलिस ने उनके ठिकानों पर छापेमारी तेज कर दी है।
जानकारी के अनुसार, रोहित ने अपनी पत्नी भावना के नाम से एक दफ्तर खोला था, जहां से सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग का नेटवर्क (Crime Network) संचालित होता था। इसी सिलसिले में पुलिस ने दोनों भाइयों की जानकारी देने पर नकद इनाम घोषित किया है।
पत्नी और परिवार को फंसाने का आरोप, कोर्ट ने दी राहत
रोहित और वीरेंद्र की पत्नियों ने अदालत में यह दावा किया कि पुलिस जानबूझकर परिवार को आर्गेनाइज क्राइम (Organized Crime) में फंसा रही है। उनका कहना था कि साधारण मारपीट के केस को पुलिस ने गलत तरीके से संगठित अपराध का रूप दे दिया।
कोर्ट ने दोनों की पत्नियों भावना तोमर और शुभ्रा तोमर, तथा एक भतीजे को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि जांच में सहयोग करें और किसी भी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश न करें।
वकील बोले – करेंगे अगली कानूनी कार्रवाई
तोमर बंधुओं के वकील ने कहा कि वे कोर्ट के फैसले के खिलाफ अगले कानूनी विकल्प (Legal Remedy) पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसी केस में अन्य आरोपियों को जमानत मिल चुकी है, ऐसे में उनके मुवक्किलों को भी न्याय मिलने की उम्मीद है।
वहीं, पुलिस का कहना है कि दोनों भाई लंबे समय से फरार हैं, इसलिए गिरफ्तारी आवश्यक है ताकि पूरे गिरोह की जड़ें पकड़ी जा सकें।
फिलहाल जांच जारी, पुलिस की निगरानी बढ़ी
रायपुर पुलिस ने पूरे केस से जुड़े दस्तावेज और जब्त सामान कोर्ट में प्रस्तुत किए हैं। उच्चाधिकारियों की निगरानी में जांच (Police Investigation) जारी है। सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
