दुर्ग।
छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने मानव तस्करी का बड़ा खुलासा करते हुए 9 महीने के मासूम बच्चे को बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें से चार को बिहार के पटना से और एक महिला को पहले ही कोण्डागांव से पकड़ा गया था। पुलिस ने मासूम को सुरक्षित बरामद कर उसकी मां के सुपुर्द कर दिया।
कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम?
- यह मामला 20 जून 2025 का है।
- आरोपियों ने पीड़िता को बहला-फुसलाकर कोरगांव (जिला कोण्डागांव) से पटना ले जाया।
- वहां उसे जगनपुरा इलाके के किराए के मकान में रखा गया।
- 8 जुलाई को छत्तीसगढ़ लौटते वक्त, आरा से दानापुर स्टेशन के बीच ट्रेन में आरोपियों ने खाना लाने का बहाना किया और बच्चे को मां की गोद से जबरन छीनकर फरार हो गए।
मां ने दर्ज कराई FIR
पीड़िता किसी तरह दुर्ग लौटी और महिला थाना, भिलाई (सेक्टर-6) में शिकायत दर्ज कराई।
- 25 जुलाई को पुलिस ने धारा 137(2), 3(5) बीएनएस के तहत केस दर्ज किया।
- दो टीम बनाई गईं —
- पहली टीम ने आरोपी संगनी बाई को कोरगांव से गिरफ्तार किया।
- दूसरी टीम बिहार रवाना हुई और छापेमारी में संतोष पाल, प्रदीप कुमार, डॉ. बादल उर्फ मिथलेश और गौरी महतो को दबोचा।
गिरफ्तार आरोपियों से मासूम बच्चा बरामद कर सुरक्षित मां को सौंपा गया।
7 लाख में किया गया था सौदा
एएसपी एवं पुलिस प्रवक्ता पद्मश्री तंवर के अनुसार, जांच में यह सामने आया कि मासूम का सौदा ₹7 लाख में किया गया था। आरोपियों ने बिहार में इस डील को अंजाम देने के लिए पूरी साजिश रची थी, जबकि मां को इसकी भनक तक नहीं लगी।