सीजी भास्कर, 27 अक्टूबर | रायपुर। प्रदेशभर में चल रही (Truck Drivers Strike) रविवार को समाप्त हो गई। छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंगठन ने अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर यह हड़ताल शुरू की थी, जिसे अब फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
महासंगठन के पदाधिकारियों ने आज जिला प्रशासन से मुलाकात कर अपनी मांगों पर चर्चा की। कलेक्टर ने प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि आगामी 7 नवंबर को परिवहन सचिव से बैठक कराई जाएगी, जिसके बाद समाधान की दिशा तय की जाएगी।

महासंगठन ने कहा — हड़ताल टली है, खत्म नहीं हुई
ड्राइवर महासंगठन के अध्यक्ष प्रीतम सेन और कोषाध्यक्ष हेमनाथ देवांगन ने बताया कि हड़ताल को अस्थायी रूप से टाला गया है। उनका कहना था, “हम शासन से बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो (Truck Drivers Protest) दोबारा शुरू किया जाएगा।”
संगठन के अनुसार, यह निर्णय ड्राइवरों के हित में लिया गया है ताकि सरकार को एक बार फिर संवाद का मौका मिल सके।
ड्राइवरों की 9 प्रमुख मांगें — सुधार और सम्मान दोनों जरूरी
बैठक में रखी गई मांगों में प्रमुख रूप से राज्य में पूर्ण शराबबंदी, ड्राइवर वेलफेयर बोर्ड का गठन, और सुरक्षा आयोग की स्थापना शामिल हैं।
इसके अलावा, 1 सितंबर को Driver’s Day घोषित करने की भी मांग उठाई गई है। संगठन चाहता है कि ड्राइवरों और उनके परिवारों के लिए हेल्थ कार्ड योजना लागू की जाए और उनके बच्चों को शिक्षा व नौकरी में 10% आरक्षण मिले।
महासंगठन ने यह भी कहा कि 55 वर्ष की आयु के बाद ड्राइवरों को पेंशन सुविधा मिले, ताकि उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिल सके।
मुआवजे को लेकर भी उठी आवाज़
सड़क हादसों में जान गंवाने वाले ड्राइवरों के परिवारों को 20 लाख रुपये का मुआवजा, और गंभीर रूप से विकलांग होने पर 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की मांग भी सूची में शामिल है।
संगठन ने कहा कि ट्रक ड्राइवर दिन-रात सड़कों पर मेहनत करते हैं, लेकिन न तो उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मिलती है और न ही सम्मान।
(Drivers Welfare Demands) को लेकर यह हड़ताल पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी रही।
सरकार से उम्मीद — संवाद से सुलझेगा विवाद
कलेक्टर ने ड्राइवर संघ के प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया कि शासन उनकी हर मांग पर गंभीरता से विचार करेगा।
महासंगठन ने उम्मीद जताई कि इस बार सरकार (Transport Department Discussion) में सकारात्मक रुख दिखाएगी, ताकि भविष्य में दोबारा आंदोलन की स्थिति न बने।
ड्राइवरों ने भी प्रशासन से आग्रह किया कि उनकी समस्याओं को “सिर्फ कागजों पर नहीं, जमीनी स्तर पर हल किया जाए।”
राज्यव्यापी असर, लेकिन शांतिपूर्ण ढंग से खत्म हुआ आंदोलन
इस हड़ताल का असर कई जिलों में दिखा, जिससे ट्रांसपोर्ट व्यवस्था प्रभावित रही। हालांकि, अब स्थिति सामान्य होने लगी है।
महासंगठन ने कहा कि वे आंदोलन को टकराव नहीं, संवाद का माध्यम बनाना चाहते हैं।
प्रदेश के ड्राइवरों में अब यह उम्मीद है कि 7 नवंबर की बैठक से कोई ठोस निर्णय निकलकर आएगा, जिससे सालों पुरानी मांगों का हल संभव हो सके।
