सीजी भास्कर, 18 जून| TS Singhdeo News : पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि सरकार पैसों की बचत के नाम पर किसानों के हितों की लगातार अनदेखी कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरगुजा संभाग के सिंचित रकबे को सुनियोजित तरीके से असिंचित की सूची में शामिल कर दिया गया है, जिससे किसानों को दोहरा नुकसान होगा।
एक ओर किसान क्रेडिट कार्ड से मिलने वाली राशि में कटौती होगी – सिंचित भूमि के लिए जहां 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की सीमा होती है, वहीं असिंचित के लिए यह घटकर 40 हजार रुपये तक सिमट जाएगी। दूसरी ओर, असिंचित दर्ज होने के कारण किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से भी वंचित रह जाएंगे, जबकि सिंचाई कर तो यथावत ही वसूला जाएगा।
सिंहदेव ने संदेह जताया कि यदि सरकार केवल सिंचित भूमि से 21 क्विंटल प्रति हेक्टेयर धान खरीदने का निर्णय लेती है और असिंचित भूमि के लिए यह मात्रा घटा देती (TS Singhdeo News)है, तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने इसे किसानों के साथ छल और विश्वासघात बताया। सरगुजा जिले में लगभग 40 हजार हेक्टेयर सिंचित भूमि को असिंचित दर्ज किया जाना, उनके अनुसार, पूरी कृषि व्यवस्था पर एक गंभीर प्रहार है।
जागरूक किसानों की आपत्तियों के बावजूद सीमित सुधार
सिंहदेव ने अंबिकापुर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि बड़े और जागरूक किसान इस बदलाव के खिलाफ आपत्ति जता रहे हैं, और सरकार ने मामूली सुधार किए भी हैं, लेकिन इनकी संख्या बहुत कम है। उन्होंने सरकार की ओर से खाद आपूर्ति की कमी को लेकर भी चिंता जताई और आरोप लगाया कि किसानों की जरूरत के समय सरकार पूरी तरह विफल साबित हो रही है।
सरगुजा संभाग में डीएपी की आवश्यकता 24 हजार टन है, जबकि अब तक केवल 3946.24 टन खाद ही उपलब्ध कराई जा सकी है, जो कुल आवश्यकता का मात्र 17 प्रतिशत है। इसी तरह 22230 टन यूरिया के विरुद्ध केवल 10 हजार टन ही किसानों को प्राप्त हुआ (TS Singhdeo News)है। लुंड्रा विधानसभा क्षेत्र की 12 सहकारी समितियों में से आठ में इफको और छह में डीएपी का एक भी बोरा उपलब्ध नहीं है। जो विकल्प सरकार दे रही है वह किसानों के लिए बेहद खर्चीला और अव्यवहारिक है।
केंद्र की चार योजनाओं से वंचित रहे किसान
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की चार प्रमुख योजनाएं किसानों के लिए संचालित होती हैं, लेकिन खरीफ सीजन 2025 में इनका लाभ सीमांत और लघु किसानों को नहीं मिल पाया। बड़े किसान तो ट्रैक्टर और हार्वेस्टर का लाभ उठा ले गए, लेकिन ज़मीनी स्तर पर खेती करने वाला छोटा किसान फिर पीछे छूट गया। सिंहदेव ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार केवल 50 प्रतिशत खाद और 30 प्रतिशत कृषि ऋण ही वितरित किया गया है।
मीडिया पर पाबंदी की निंदा, लोकतंत्र पर हमला बताया
चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में मीडिया कवरेज को लेकर लागू की गई नई शर्तों का उन्होंने कड़ा विरोध किया। सरकार पर तंज कसते हुए सिंहदेव ने कहा, “तुम इतना जो घबरा रहे हो, क्या कमी है जिसे छिपा रहे हो?” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मीडिया की स्वतंत्रता पर सेंसरशिप थोपकर अपनी विफलताओं को छिपाना चाहती है। यह मीडिया की जवाबदेही और लोकतांत्रिक मूल्यों का खुला उल्लंघन है। उन्होंने कहा, “क्या मीडिया ओटी या प्रसव कक्ष में रिपोर्टिंग करता है? यदि कोई पत्रकार नियमविरुद्ध काम करता है तो कानून पहले से ही मौजूद है, फिर अलग से आदेश जारी करने का क्या औचित्य (TS Singhdeo News)है?” सिंहदेव का मानना है कि इस आदेश से सबसे ज्यादा नुकसान आम मरीजों को होगा और सरकार मीडिया को ‘घर बैठाने’ की तैयारी कर रही है।
नकली खाद-बीज घोटाले की जांच की मांग
सिंहदेव ने बलरामपुर जिले में सामने आए सहकारी बैंक घोटाले को किसानों के साथ बड़ा धोखा बताते हुए उसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही एकीकृत सरगुजा क्षेत्र में सामने आए नकली खाद और बीज के प्रकरणों की भी बारीकी से जांच कराने की जरूरत बताई है। चर्चा के दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, पूर्व महापौर डॉ. अजय तिर्की, नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद, वरिष्ठ नेता अजय अग्रवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता, डॉ. जेपी श्रीवास्तव, द्वितेंद्र मिश्रा, हेमंत सिन्हा और मो. इस्लाम सहित कई कांग्रेसजन उपस्थित रहे।