सीजी भास्कर 7 अगस्त
उत्तरकाशी, उत्तराखंड:
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में भीषण भूस्खलन के बाद हालात बेहद चिंताजनक हैं। लगातार बारिश और मलबा गिरने से कई सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं, जिससे सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। इस विकट स्थिति के बीच सीमा सड़क संगठन (BRO) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन (PVSM, VSM) ने घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण किया और राहत कार्यों की समीक्षा की।
DG BRO का एक्शन प्लान:
DG श्रीनिवासन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा से विशेष बैठक की। बैठक में तेज़ राहत एवं बचाव कार्यों को अंजाम देने की रणनीति बनाई गई। BRO ने तत्काल अतिरिक्त संसाधन, मशीनरी और इंजीनियरिंग टीमें तैनात की हैं ताकि सड़क मार्गों की बहाली युद्धस्तर पर की जा सके।
सड़क नेटवर्क पर सबसे बड़ा असर:
भटवारी, लिंचिगाड़, हर्षिल के पास गंगनानी और धराली जैसे क्षेत्रों की सड़कें पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी हैं। कुछ जगहों पर सड़कें पूरी तरह बह गई हैं, जिससे गांवों का संपर्क टूट गया है। हालांकि BRO ने तेजी से मलबा हटाने और वैकल्पिक रूट तैयार करने का काम शुरू कर दिया है।
हेलीपैड और एयरलिफ्ट ऑपरेशन:
हर्षिल का सैन्य हेलीपैड और नीलॉंग का नागरिक हेलीपैड ऑपरेशनल हैं, जिससे बचाव कार्यों में तेजी आई है। हालांकि धराली का हेलीपैड मलबे से बंद पड़ा है। चिनूक और मी-17 जैसे हेलिकॉप्टरों की मदद से पर्यटकों और ग्रामीणों को निकाला जा रहा है।
225+ सैनिक और विशेषज्ञ तैनात:
राहत कार्यों के लिए भारतीय सेना की इंजीनियरिंग बटालियन, मेडिकल टीमें और सर्च-रेस्क्यू यूनिट्स को लगाया गया है। टेकला क्षेत्र में सर्च रडार तकनीक से मलबे में फंसे लोगों को खोजा जा रहा है। स्निफर डॉग्स भी राहत कार्यों में तैनात हैं।
BRO ने किया स्पष्ट:
सीमा सड़क संगठन का कहना है कि वह राष्ट्रहित में हर संभव कदम उठा रहा है और उत्तरकाशी में स्थिति सामान्य होने तक टीम मिशन मोड में काम करती रहेगी। बारिश और दुर्गम इलाका चुनौतियों को बढ़ा रहे हैं, लेकिन संसाधनों की कोई कमी नहीं रहने दी जा रही।