सीजी भास्कर, 20 दिसंबर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Vishnudev Sai) आज छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग द्वारा आयोजित वीर बाल रैली (Veer Bal Rally) में शामिल हुए। उन्होंने राजधानी रायपुर के मरीन ड्राइव से रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस भव्य रैली में लगभग 5,000 से अधिक स्कूली छात्र-छात्राओं, स्काउट-गाइड एवं एनसीसी कैडेट्स ने भाग लिया। रैली में सिख परंपरा की वीरता को दर्शाती गतका जैसी साहसिक गतिविधियाँ (martial arts, Gatka display), सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और प्रेरणादायी झांकियों ने उपस्थित जनसमूह को भावनात्मक रूप से जोड़ा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय (Chief Minister Vishnudev Sai) ने कहा कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस (Veer Bal Diwas) के रूप में दशम गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के अद्वितीय बलिदान को स्मरण किया जाता है। केवल 9 वर्ष और 7 वर्ष की अल्पायु में साहिबजादों ने जो अदम्य साहस, आस्था और बलिदान दिखाया, वह मानव इतिहास में अनमोल उदाहरण (historic valor, Sahibzada bravery) है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी छोटी उम्र में भी साहिबजादे किसी दबाव के आगे नहीं झुके, धर्म और सत्य की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। यह बलिदान केवल सिख समाज (Sikh community, bravery) के लिए ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है। साय ने कहा कि सिख धर्म की यह गौरवशाली परंपरा सभी के लिए गर्व का विषय है और नई पीढ़ी को साहिबजादों के बलिदान और मूल्यों से परिचित कराना हमारा नैतिक दायित्व (moral duty, inspire youth) है।
उन्होंने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 से वीर बाल दिवस (Veer Bal Diwas national initiative) को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की पहल अत्यंत सराहनीय है। इससे बच्चों और युवाओं में शौर्य, साहस और राष्ट्रप्रेम की भावना और प्रबल हुई है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि साहिबजादों के जीवन से सिखाए गए संस्कार और शिक्षाएँ आज भी प्रेरणा देती हैं। खालसा पंथ की स्थापना कर अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष का मार्ग दिखाया गया। उनकी प्रेरक पंक्तियाँ “सवा लाख से एक लड़ाऊँ, चिड़ियन ते मैं बाज लड़ाऊँ, तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहलाऊँ” आज भी हर भारतीय में साहस और संघर्ष की चेतना जागृत करती हैं।
उन्होंने कहा कि यह पंक्तियाँ हमें सिखाती हैं कि साधन नहीं, साहस और संकल्प ही विजय का मार्ग प्रशस्त करते हैं। भारत की धरती धन्य है, जिसने ऐसे महान गुरुओं और साहिबजादों को जन्म दिया। मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग एवं शिक्षा विभाग को बधाई और शुभकामनाएँ दीं।
कैबिनेट मंत्री खुशवंत साहेब ने कहा कि साहिबजादों का बलिदान हमें निर्भीकता, सत्यनिष्ठा और राष्ट्रप्रथम की भावना का मार्ग दिखाता है। उनका जीवन हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत (inspiration, youth) है।
छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने साहिबजादों की शहादत के ऐतिहासिक प्रसंगों से उपस्थित जनसमूह को अवगत कराया।
इस अवसर पर रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा, क्रेडा अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी, CGMSC अध्यक्ष दीपक म्हस्के, छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा सहित सिख समाज के वरिष्ठ प्रतिनिधि, समाजसेवी और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।


