सीजी भास्कर, 17 अक्टूबर। हरियाणा में नई सरकार का गठन हो गया है। बीजेपी नेता नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। इनके आलावा 14 विधायकों को भी मंत्री बनाया गया है। सबसे पहले नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद दूसरे नंबर पर अनिल विज को शपथ दिलाई गई। आइए जानते हैं किन-किन विधायकों को मंत्री बनाया गया है।
नायब सिंह सैनी दूसरी बार बने मुख्यमंत्री
नायब सिंह सैनी को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। वह लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं। चुनाव से कुछ महीने पहले ही उन्हें सीएम बनाया गया था। 2014 में वह अंबाला के नारायणगढ़ से विधायक बने थे। उन्हें खट्टर सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद वह कुरुक्षेत्र से लोकसभा सांसद चुने गए। वह पिछले कार्यकाल में करनाल उपचुनाव में विधायक चुने गए थे। सैनी लाडवा से इस बार विधायक चुने गए हैं। वह 1996 से बीजेपी और आरएसएस से जुड़े हुए हैं। सैनी को पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर का करीबी माना जाता है। वह ओबीसी समुदाय से आते हैं।
अनिल विज ने ली कैबिनेट मंत्री पद की शपथ
नायब सिंह सैनी के बाद अनिल विज ने मंत्री पद की शपथ ली। अनिल विज हरियाणा में बीजेपी के सबसे सीनियर विधायक हैं। उन्होंने अंबाला कैंट निर्वाचन क्षेत्र से लगातार सातवीं बार जीत हासिल की। विज मनोहर लाल खट्टर के सरकार में हरियाणा के गृह मंत्री थे। विज के पास स्वास्थ्य और खेल जैसे कई विभाग भी रहे हैं। साल 2014 से पहले वह राज्य में बीजेपी विधायक दल के नेता थे। विज पंजाबी समुदाय से आते हैं।
कृष्ण लाल पंवार ने ली कैबिनेट मंत्री पद की शपथ
अनिल विज के बाद बीजेपी विधायक कृष्ण लाल पंवार ने मंत्री पद की शपथ ली। वह दूसरी बार मंत्री बने हैं। पंवार दलित समुदाय से आते हैं। कृष्ण लाल पंवार पानीपत के इसराना सीट से विधायक हैं। वह कुल सात बार विधानसभा चुनाव लड़े जिनमें से पांच बार जीत दर्ज की। पंवार ने अभी हाल में ही राज्यसभा सांसद से इस्तीफा दिया था। कृष्ण लाल कभी पानीपत के थर्मल फ्लांट में बिजली बोर्ड के कर्मचारी थे। उन्होंने इनेलो से राजनीतिक पारी शुरू की। वह इनेलो छोड़कर 2014 में बीजेपी में शामिल हुए।
विपुल गोयल ने ली कैबिनेट मंत्री पद की शपथ
विपुल गोयल फरीदाबाद सीट से जीते हैं। वह वैश्य समुदाय से आते हैं। गोयल दूसरी बार मंत्री बने हैं। वह 2014 में भी विधायक बने थे। जब साल 2016 में जब मनोहर लाल कैबिनेट का विस्तार हुआ तो विपुल गोयल को पर्यावरण एवं उद्योग मंत्री बनाया गया था।
राव नरवीर सिंह ने ली कैबिनेट मंत्री पद की शपथ
गुरुग्राम के बादशाहपुर से विधायक राव नरवीर को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। नरवीर तीसरी बार विधायक बने हैं। 2019 में उनका टिकट काट दिया गया था। हालांकि 2024 में उन्हें टिकट मिला और कांग्रेस उम्मीदवार वर्धन यादव को 60 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। नरवीर यादव समुदाय से आते हैं।
महिपाल ढांडा ने ली कैबिनेट मंत्री पद की शपथ
बीजेपी नेता महिपाल ढांडा ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है। ढांडा जाट समुदाय से आते हैं। महिपाल लगातार दूसरी बार सैनी कैबिनेट में शामिल हुए हैं। वह पानीपत ग्रामीण सीट से विधायक हैं। वह 2019 में भी यहां से विधायक चुने गए थे।
श्रुति चौधरी ने ली कैबिनेट मंत्री पद की शपथ
बीजेपी नेता श्रुति चौधरी को भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। वह तोशाम सीट से पहली बार विधायक बनी हैं। वह जाट समुदाय से आती हैं। श्रुति राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी हैं। श्रुति की मां किरण चौधरी भी हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। तोशाम सीट श्रुति चौधरी के परिवार के पास 50 साल से ज्यादा समय से है। मां-बेटी चुनाव से पहले ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई थीं।
अरविंद शर्मा बने कैबिनेट मंत्री
बीजेपी नेता अरविंद शर्मा को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। वह 2024 के लोकसभा चुनाव में रोहतक से चुनाव हार गए थे। विधानसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी ने गोहाना सीट से उम्मीदवार बनाया और उन्होंने यहां से जीत दर्ज की। अरविंद शर्मा 2019 में रोहतक से सांसद चुने गए थे। वह ब्राह्राण समुदाय से आते हैं।
श्याम सिंह राणा भी बने कैबिनेट मंत्री
राजपूत समुदाय से आने वाले श्याम सिंह राणा पहली बार कैबिनेट मंत्री बने हैं। वह यमुनानगर के रादौर सीट से विधायक बने हैं। रादौर सीट कांग्रेस से छीनकर उन्होंने बीजेपी की झोली में डाली जिसका फल उन्हें मंत्री पद के रुप में मिला। इससे पहले वह 2014 में भी यहां से विधायक बने थे। खट्टर सरकार में वह मुख्य संसदीय सचिव भी बनाए गए थे।
रणबीर गंगवा को भी बनाया गया मंत्री
रणबीर गंगवा को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। पिछली सरकार में वह डिप्टी स्पीकर थे। गंगवा हिसार जिले की बरवाला सीट से विधायक हैं। वह नलवा से भी विधायक रह चुके हैं। 2010 में वह इनेलो के टिकट पर राज्यसभा सांसद चुने गए थे। 2014 में उन्होंने इनेलो के टिकट पर नलवा सीट जीत दर्ज की। 2019 में बीजेपी के टिकट पर नलवा से लड़े और जीत भी दर्ज की। इस तरह गंगवा लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। दो बार बीजेपी के टिकट पर विधायक बने। रणबीर गंगवा ओबीसी समुदाय से आते हैं।
कृष्ण बेदी बने मंत्री
बीजेपी नेता कृष्ण बेदी को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। बेदी पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के राजनीतिक सचिव रह चुके हैं। वह दलित समुदाय से आते हैं। कृष्ण बेदी नरवाना से विधायक चुने गए हैं। इससे पहले वह मनोहर लाल खट्टर की सरकार में भी मंत्री कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। वह सामाजिक न्याय और अधिकारिकता मंत्री थे। 2014 में बेदी शाहाबाद से विधायक चुने गए थे। 2019 में हार का सामना करना पड़ा था। वह 20 साल से बीजेपी से जुड़े हैं।
गौरव गौतम बने राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
गौरव गौतम को हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। वह पहली बार पलवल से विधायक बने हैं। गौरव ब्राह्राण समुदाय से आते हैं। गौरव गौतम पहली बार मंत्री बने हैं।
आरती राव बनीं राज्य मंत्री
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव को हरियाणा सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया है। आरती राव को राज्यपाल ने मंत्री पद की शपथ दिलाई। आरती अटेली से पहली बार विधायक बनी हैं। वह पहली बार मंत्री भी बन गई। आरती यादव समुदाय से आती हैं।
राजेश नागर बने राज्यमंत्री
गुर्जर समुदाय से आने वाले राजेश नागर को राज्यमंत्री बनाया गया है। वह फरीदाबाद की तिगांव सीट से विधायक हैं। वह पेशे से बिजनेसमैन हैं। उन्होंने तिगांव से लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है। उन्हें सीएम नायब सिंह सैनी और पूर्व सीएम खट्टर का करीबी माना जाता है।