कतर , 24 मार्च 2025 :
2025 के जनवरी महीने में कतर में भारतीय आईटी कंपनी टेक महिंद्रा के सीनियर कर्मचारी अमित गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया था. उन पर डाटा चोरी का आरोप है. हालांकि अब तक इस मामले को लेकर बहुत ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन अमित गुप्ता की गिरफ्तारी भारतीय सरकारी अधिकारियों और टेक महिंद्रा के लिए एक बड़ी चिंता बन गई है.
दरअसल भारत और कतर के बीच रिश्ते बेहद अच्छे हैं. इससे पहले साल 2022 में जब कतर में नेवी के पूर्व अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी तो उस वक्त भारत को डिप्लोमेटिक परीक्षा का सामना करना पड़ा था. ऐसे में एक और गिरफ्तारी इस देश की टेंशन बढ़ा सकती है.
अमित गुप्ता कौन हैं?
अमित गुप्ता टेक महिंद्रा में कतर और कुवैत के क्षेत्रीय प्रमुख (Region Head) के रूप में काम कर रहे थे. वे पिछले तीन साल से इस भूमिका में थे और इसी कंपनी में कुल 12 साल से ज्यादा का अनुभव रखते थे. इससे पहले उन्होंने कंपनी में सीनियर सेल्स मैनेजर और क्लाइंट पार्टनर के तौर पर भी काम किया था.
गुप्ता का करियर न्यूक्लियस सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट और इंफोसिस जैसी बड़ी कंपनियों में भी रहा है. उन्होंने मालिवया नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक और इंटरनेशनल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट दिल्ली से एमबीए की डिग्री प्राप्त की है. अमित की पत्नी का नाम आकांक्षा गुप्ता है और उन्होंने शादी के बाद अगस्त 2013 में वह कतर में बसने का फैसला लिया था. उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक अप्रैल 2022 में उन्हें टेक महिंद्रा का रीजन हेड नियुक्त किया गया था.
क्या है उनका जुर्म?
अमित गुप्ता पर कतर की अधिकारियों ने डाटा चोरी का आरोप लगाया है, लेकिन इस मामले के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है. गुप्ता के परिवार का कहना है कि वह निर्दोष हैं और उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है. इस मामले में गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद से उनकी परिवार और टेक महिंद्रा ने यह दावा किया है कि गुप्ता के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है.
भारत के लिए नई डिप्लोमेटिक चुनौती
अमित गुप्ता की गिरफ्तारी भारतीय सरकार के लिए एक नई डिप्लोमेटिक चुनौती बन चुकी है. भारत और कतर के बीच अच्छे राजनयिक रिश्ते रहे हैं, लेकिन इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच कड़ी बातचीत की जरूरत होगी. भारतीय सरकार और टेक महिंद्रा दोनों ही इस मामले में गुप्ता की सहायता कर रहे हैं और कतर के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं.
भारतीय दूतावास ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और लगातार कतर सरकार से संपर्क बनाए हुए है. हालांकि, गुप्ता की मां का कहना है कि उन्हें इस मामले में कोई ‘सकारात्मक प्रतिक्रिया’ नहीं मिली है, जो भारतीय अधिकारियों के लिए एक चिंता का विषय है.
इससे पहले, 2022 में कतर ने आठ भारतीय नौसेना अधिकारियों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें बाद में मौत की सजा सुनाई गई. हालांकि, भारतीय सरकार की कड़ी मेहनत और प्रयासों के कारण उन्हें रिहा कर दिया गया. अब, अमित गुप्ता का मामला इस बात का उदाहरण है कि कतर में भारतीय नागरिकों को कानूनी और राजनयिक मामलों में किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
क्या हो सकता है आगे?
अमित गुप्ता की गिरफ्तारी के मामले में भारतीय सरकार को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. कतर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध भी मजबूत हैं. ऐसे में, यह घटना भारत के कतर के साथ रिश्तों पर असर डाल सकती है.
भारत के लिए यह समय है कि वह कतर के साथ इस मामले को सुलझाने के लिए राजनयिक प्रयासों को तेज करें और सुनिश्चित करे कि इस मुद्दे का समाधान दोनों देशों के हित में निकले. साथ ही, यह भी जरूरी होगा कि भारतीय कंपनियों और कर्मचारियों को विदेशों में अपने अधिकारों की रक्षा के लिए और मजबूत कानूनी सहायता मिले.