20 जून 2025 :
पशु चिकित्सकों की मानें तो गर्म वातावरण में लंबी दूरी का परिवहन घोड़ों की सेहत पर भारी पड़ा. घोड़ों को हैदराबाद से जबलपुर तक लाने के दौरान उचित आराम और अनुकूल तापमान का प्रबंध न होना, इनकी मौत की एक प्रमुख वजह माना जा रहा है.
हैदराबाद से रातों-रात जबलपुर लाए गए 57 बेशकीमती घोड़ों की रहस्यमयी मौत से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है. अब तक कुल 12 घोड़ों की मौत हो चुकी है, जिनमें से लाने के पांच दिनों के अंदर आठ घोड़ों ने दम तोड़ा था. इसके बाद चार और घोड़ों की मौत के बाद लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. लगातार हो रही घोड़े की मौत को देखते हुए जबलपुर जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने दोबारा जांच के निर्देश दिए हैं. जिला पंचायत सीईओ को इस संबंध में पूरी जांच कर तीन दिनों के अंदर पूरी रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं.
बताया जा रहा है कि हैदराबाद से इन घोड़ों को रेस कोर्स ट्रेनिंग के लिए जबलपुर लाया गया था, जिसके लिए लंबे समय से रेस कोर्स खोलने की संभावनाएं जताई जा रही थी, लेकिन घोड़ों की लगातार हो रही मौतों से यह लाने की वजह संदेह के घेरे में आ गई है. जिस कंपनी के यह घोड़े हैं, वह भी वापस ले जाने की बात कर रही, लेकिन कलेक्टर ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक इनका मकसद सामने नही आता, घोड़े उसी स्थान पर रहेंगे.
कलेक्टर के आदेश पर हो रही जांच
वीते दिन कलेक्टर दीपक सक्सेना के आदेश पर एक रैपिड रिस्पॉन्स टीम गठित की गई थी, जिसने मौत के कारणों की प्राथमिक जांच शुरू की. पशु चिकित्सा विभाग की तीन डॉक्टरों की टीम लगातार बचे हुए घोड़ों की निगरानी कर रही है और समय-समय पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है. इसके अलावा, सभी घोड़ों के सैंपल हरियाणा स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र भेजे गए थे, जहां से अब तक प्राप्त रिपोर्ट में 44 घोड़ों में घातक बीमारी ‘ग्लैण्डर’ की पुष्टि नहीं हुई है. यानी सभी रिपोर्ट्स नेगेटिव आई हैं.
लंबे सफर का घोड़ों के सेहत पर पड़ा असर!
पशु चिकित्सकों की मानें तो गर्म वातावरण में लंबी दूरी का परिवहन घोड़ों की सेहत पर भारी पड़ा. घोड़ों को हैदराबाद से जबलपुर तक लाने के दौरान उचित आराम और अनुकूल तापमान का प्रबंध न होना, इनकी मौत की एक प्रमुख वजह माना जा रहा है. अचानक बदले मौसम, सफर के तनाव और संक्रमण के जोखिम के चलते कई घोड़े बीमार हो गए और अंततः दम तोड़ बैठे.
क्या बोले कलेक्टर दीपक सक्सेना?
इस मामले पर जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि यह अत्यंत गंभीर मामला है. इन घोड़ों की मौत का सही कारण पता लगाना बेहद जरूरी है. हमने पुनः जांच का आदेश देते हुए संबंधित विभागों को सख्त निर्देश दिए हैं. जब तक पूरी रिपोर्ट नहीं आ जाती, किसी भी घोड़े को एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जाया जाएगा. फिलहाल जिला प्रशासन, पशु चिकित्सा विभाग और जांच टीम मिलकर हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही हैं.