सीजी भास्कर, 01 अक्टूबर। रात का सन्नाटा और खेत की रखवाली में जुटा एक दंपती। लेकिन सुबह का सूरज कुछ ऐसा मंजर लेकर आया जिसे देखकर गांव कांप उठा। झोपड़ी से कुछ दूरी पर खून से सने शव (Wolf Attack Incident) पड़े थे और पास ही पगचिह्न मौत की कहानी कह रहे थे।
गांव में खौफ का माहौल है। लोग एक-दूसरे से सवाल कर रहे हैं कि आखिर कब तक यह जानलेवा (Wolf Attack Incident) सिलसिला जारी रहेगा। बीते कुछ महीनों से बार-बार हो रही घटनाओं ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है।
यह दर्दनाक घटना उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कैसरगंज क्षेत्र के मंझारा तौकली गांव में हुई। खेत (Wolf Attack Incident) की रखवाली कर रहे 80 वर्षीय खेदन और उनकी पत्नी मनकिया पर सोमवार रात भेड़ियों के झुंड ने हमला कर दिया। सुबह देर तक दंपती घर नहीं लौटे तो परिजन खेत पहुंचे। खोजबीन के दौरान दोनों के शव झोपड़ी से कुछ दूरी पर क्षत-विक्षत हालत में पड़े मिले। उनके शरीर के कई अंग भेड़िये नोच ले गए थे।
घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीण (Wolf Attack Incident) आक्रोशित हो गए। मौके पर पहुंचे वन अधिकारी और एसडीओ की गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई और वनकर्मियों को लाठी-डंडों से खदेड़ दिया। बाद में एएसपी सिटी रामानंद कुशवाहा, सीओ कैसरगंज और एसडीएम अखिलेश कुमार समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत कराया।
पिछले दिनों भी भेड़ियों (Wolf Attack Incident) के हमलों में चार बच्चों की जान जा चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं। गंधू झाला, भिरगूपुरवा, प्यारेपुरवा और बाबा पटाव क्षेत्र में कई ग्रामीण हमलों की चपेट में आ चुके हैं। बीते साल 2024 में 50 से अधिक लोग घायल हुए थे और 11 की मौत हुई थी। इस साल अब तक 24 लोग घायल हो चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी और भेड़ियों को मारने के आदेश भी दिए थे।