सीजी भास्कर, 6 अप्रैल। इंदौर में शुक्रवार को नगर निगम के बजट सत्र के दौरान महिला पार्षदों के नमाज पढ़ने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में नगर निगम के सभापति मुन्नालाल यादव ने शनिवार को कहा कि लंच ब्रेक हुआ था। नमाज की अनुमति नहीं दी थी।
इधर, कांग्रेस पार्षद रुबीना इकबाल खान ने पलटवार में कहा कि अब क्या फांसी पर चढ़ा देंगे या उलटी नमाज पढ़े। हम नमाज ही पढ़ने गए थे, कोई आतंकवादी जैसे बम लेकर तो नहीं गए थे।
बता दें कि शुक्रवार को नगर निगम परिसर में बजट पर चर्चा हुई थी। इस दौरान लंच के बाद मुस्लिम महिला पार्षदों ने नगर निगम परिसर में ही नमाज पढ़ी थी। दावा है कि सभापति की अनुमति से उन्होंने नमाज पढ़ी। ऐसा नगर निगम में पहली बार हुआ है।
ज्यादा ही एतराज है तो हमें बम से उड़ा दो कांग्रेस पार्षद रुबीना ने कहा- यह तो हद है। अगर ज्यादा ही एतराज है तो हमें फांसी पर चढ़ा दो। जैसे हमने इतना बड़ा गुनाह कर दिया। हर चीज पर रोक लगा रहे हैं, हर कानून में घुस रहे हैं, हर चीज अपने आप से कर रहे हो तो फिर मुसलमानों की ऑक्सीजन पर भी रोक लगा दो कि हमारे से पूछे बगैर सांस भी मत लो।
उन्होंने कहा दूसरे भी धर्म के लोग पालन करते हैं। गरबा, गणेश चतुर्दशी सारे त्योहार होते हैं। हम भी वहां जाते हैं और मजे भी लेते हैं, तुम्हें हमारे नमाज से क्या एतराज है, फालतू की बात करते हैं।
मेयर बोले- केवल भोजन अवकाश की घोषणा की थी इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि बिना अनुमति के ऐसा करना ठीक नहीं है। संबंधित पार्टी की ओर से कोई व्हिप जारी नहीं किया गया था, ऐसे में नमाज के लिए निगम परिसर के आसपास किसी अन्य स्थान का चयन किया जा सकता था।
संगठन के निर्देश- ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए BJP सूत्रों ने बताया कि नगर निगम में बजट सत्र के दौरान नमाज पढ़ने के मामले में संगठन ने सख्ती दिखाते हुए सभापति मुन्नालाल यादव और महापौर भार्गव से कहा है कि ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए।
बताया जा रहा है कि नगर निगम परिसर में नमाज पढ़ने पर बीजेपी संगठन पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की तरफ से दबाव बनाया है।
दोनों ओर से कहा गया है कि एक तरफ जहां मोदी सरकार वक्फ संशोधन बिल पेश कर रही है तो दूसरी तरफ इंदौर नगर निगम में नमाज पढ़ाई जा रही है। जिससे जनता के बीच में गलत मैसेज जा रहा है। हम जहां बोल रहे है कि नमाज पढ़ने की जगह सिर्फ मस्जिद में है तो वहीं इंदौर नगर निगम में महापौर और सभापति नमाज पढ़ा रहे हैं।
जुम्मे की नमाज अदा करना जरूरी पार्षद रुबीना इकबाल खान ने कहा मैं पिछले 12 साल से पार्षद हूं और पहले भी कई बार यहां नमाज पढ़ चुकी हूं। यह यूपी नहीं, इंदौर है। यहां पर हिंदू-मुस्लिम आपस में भाई है। जुम्मे का दिन था इस दिन नमाज अदा करना जरूरी होता है और अगर अन्य कोई दिन होता तो घर जाकर नमाज अदा कर लेते।
संस्कृति बचाओ मंच ने जताया विरोध इधर, संस्कृति बचाओ मंच ने निगम परिसर में नमाज पढ़ने पर विरोध जताया है। मंच के चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि इंदौर में शासकीय कार्यालय में महिलाएं नमाज पढ़ रही हैं। कल संस्कृति बचाओ मंच वहां पर हनुमान चालीसा और अखंड रामायण के पाठ भी करना प्रारंभ करेगी।