सीजी भास्कर, 6 नवंबर। दुर्ग ले में महिला सशक्तिकरण की पहचान बन चुके महिला स्व सहायता समूहों (Women Self Help Group Scam) को 20 लाख रुपये की ठगी का शिकार होना पड़ा है। ग्राम कोटनी निवासी मनीता निषाद पर आरोप है कि उसने समूहों से लोन की किस्त के नाम पर रकम ली, लेकिन उसे बैंक में जमा नहीं किया। पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी (Women Self Help Group Scam) का अपराध दर्ज किया है।
ग्राम कोटनी प्रगति महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष हेमकल्याणी साहू ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि आरोपित मनीता निषाद ने सरस्वती, मां बगदई, लक्ष्मी, एकता, सखी, धनलक्ष्मी, दुर्गा, गरीमा, प्रज्ञा महिला समूहों से अलग-अलग रकम मिलाकर 6.19 लाख रुपये की हेराफेरी की। इन समूहों को सरकार की योजना के तहत स्वरोजगार (Women Self Help Group Scam) के लिए बैंक से लोन मिला था। महिलाएं किस्त पटाने के लिए पैसा मनीता को देती थीं, लेकिन उसने बैंक में जमा नहीं किया।
5 नवंबर 2023 को बैंक द्वारा नोटिस जारी (Women Self Help Group Scam) होने के बाद यह ठगी उजागर हुई। फरवरी 2024 में पंचायत में बैठक बुलाई गई, पर 4 मार्च की रात मनीता निषाद गांव से लापता हो गई। लगभग 17 महीने बाद उसके लौटने पर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। इसी तरह नव जागृति महिला समूह की अध्यक्ष दिव्या साहू ने भी पुलगांव पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोपित मनीता निषाद ने नव जागृति, उज्जवला, आस्था, राधे राधे, साधना, प्रेरणा, प्रगति, नवाअंजोर, जय मां शीतला और वैभव महिला समूहों से करीब 13.87 लाख रुपये की ठगी की।
रिपोर्ट में बताया गया है कि मनीता निषाद नव जागृति समूह की सचिव थी। इसी का फायदा उठाकर उसने बैंक की किस्त की रकम अपने पास रख ली और जमा नहीं की। बाद में बैंक नोटिस के जरिए सभी महिला समूहों को ठगी की जानकारी मिली।
महिलाओं के भरोसे से खेली ठगी की चाल
दुर्ग जिले में महिला स्व सहायता समूहों (Women Self Help Group Scam) को लोन के जरिए आत्मनिर्भर बनाने की सरकारी पहल अब सवालों में है। जिस मनीता निषाद को समूहों की सचिव के रूप में भरोसा दिया गया था, उसी ने महिलाओं की मेहनत की कमाई हड़प ली। बैंक से नोटिस मिलने के बाद ग्रामीणों को जब पूरी बात पता चली तो कई महिलाएं मानसिक रूप से टूट गईं। गांव में अब तक करीब 15 महिला समूह इस ठगी से प्रभावित बताए जा रहे हैं।
17 महीने बाद लौटी आरोपित, शुरू हुई जांच
मनीता निषाद मार्च 2024 में फरार हो गई थी। पुलिस और ग्रामीण लगातार उसकी तलाश में थे। करीब 17 महीने बाद जब वह गांव लौटी, तो लोगों ने तुरंत पुलगांव थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों मामलों में धोखाधड़ी की धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ग्रामीणों की मांग है कि सभी महिला समूहों की वित्तीय जांच कराई जाए ताकि अन्य मामलों का भी पता चल सके।
