नई दिल्ली | हेल्थ रिपोर्ट – मसल्स बनाने की होड़ में आज के युवा अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। जिम का चलन, सोशल मीडिया पर फिट बॉडी का दबाव और तुरंत रिजल्ट की चाहत – इन सबके बीच हाई-प्रोटीन डाइट और सप्लीमेंट्स की लत तेजी से बढ़ी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जरूरत से ज्यादा प्रोटीन आपके गुर्दों (किडनी) को धीमे-धीमे खराब कर सकता है?
ज्यादा प्रोटीन = किडनी पर भारी दबाव
प्रोटीन हमारी मांसपेशियों, स्किन और शरीर की संरचना के लिए जरूरी है, लेकिन “जितना ज्यादा उतना अच्छा” का फॉर्मूला यहां काम नहीं करता। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रोटीन की अधिकता शरीर में क्रिएटिनिन लेवल बढ़ा देती है, जो सीधे तौर पर किडनी फेलियर का खतरा बन सकता है।
क्रिएटिनिन लेवल क्या बताता है?
क्रिएटिनिन एक वेस्ट प्रोडक्ट है जो मांसपेशियों की क्रिया के दौरान बनता है। ये किडनी के जरिए बाहर निकलता है। अगर इसका स्तर बढ़ जाए (1.2 mg/dL से अधिक), तो ये इस बात का संकेत हो सकता है कि किडनी ठीक से काम नहीं कर रही।
मुंबई के वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. विश्वनाथ बिल्ला कहते हैं:
“1.5 mg/dL तक क्रिएटिनिन बढ़ना युवाओं में अब सामान्य बात होती जा रही है, खासतौर पर उन लोगों में जो बिना डॉक्टरी सलाह के हाई प्रोटीन ले रहे हैं।”
बच्चों को भी दिया जा रहा प्रोटीन पाउडर – बेहद खतरनाक
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवरंजनी संतोष के अनुसार, कई माता-पिता बच्चों को भी प्रोटीन पाउडर देना शुरू कर चुके हैं। इससे छोटे बच्चों में भी क्रिएटिनिन लेवल 1.4 mg/dL तक पहुंच रहा है – जो एक खतरनाक ट्रेंड है।
कितना प्रोटीन जरूरी है?
एक्टिव लोगों के लिए –
👉🏻 शरीर के वजन के प्रति किलो पर 1.2 से 1.8 ग्राम तक प्रोटीन
सामान्य लोगों के लिए –
👉🏻 0.8 से 1 ग्राम प्रति किलो वजन
इससे अधिक प्रोटीन लेने की जरूरत तभी होती है जब डॉक्टर की सलाह हो या शरीर में कमी हो।
प्रोटीन पाने के नेचुरल और सुरक्षित स्रोत
यदि आप हेल्दी तरीके से बॉडी बनाना चाहते हैं तो इन नेचुरल फूड्स से प्रोटीन लें:
शाकाहारी स्रोत:
- दालें, राजमा, छोले
- सोया, टोफू
- दूध, दही, पनीर
- बादाम, अखरोट, कद्दू के बीज
मांसाहारी स्रोत (यदि आप खाते हैं):
- अंडे
- फिश
- चिकन ब्रेस्ट
हरी सब्जियां जो प्रोटीन देती हैं:
- पालक
- ब्रोकली
- मशरूम
क्या करें ताकि किडनी हेल्दी रहे?
- ज्यादा पानी पिएं (कम से कम 3-4 लीटर रोज़)
- हर 6 महीने में किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT) करवाएं
- प्रोटीन सप्लीमेंट तभी लें जब डॉक्टर कहे
- सोशल मीडिया पर दिखने वाले फिटनेस ट्रेंड्स को आंख मूंदकर फॉलो न करें