सीजी भास्कर, 18 फरवरी। बिलासपुर जिला के कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव के खिलाफ कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने मोर्चा खोल दिया है। आज पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज के नाम पत्र लिख कर विधायक को कांग्रेस से निष्कासित करने की श्री केशरवानी ने अनुशंसा कर दी है। जिलाध्यक्ष ने इस शिकायत को सचिन पायलट महासचिव एआईसीसी एवं प्रभारी छत्तीसगढ़, डॉ चरणदास महंत, टीएस सिंहदेव, मलकीत सिंह गैदू, सुबोध हरितवाल सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं को भेजा है।
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विधायक अटल श्रीवास्तव को पार्टी से निष्कासित करने के लिए पीसीसी से की गई अनुशंसा में जिलाध्यक्ष ने कहा है कि 17 फरवरी को पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव का बिलासपुर आगमन हुआ। उनके स्वागत के लिए शहर के कांग्रेसजन गए थे। जिसमें कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव भी थे। इसी बीच कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी पर सार्वजनिक टिप्पणी करते हुए कहा कि तुमने मेरे सिने में छुरा घोपा है, साथ ही उन्होंने मीडिया में बयांन दिया कि चपरासी कलेक्टर को निकाल रहे हैं। ये बातें विधायक ने नगर निगम व पंचायत चुनाव में कांग्रेस पार्टी के आधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ भीतरघात एवं खुलाघात करने वालों को संगठन द्वारा निष्कासित किये जाने के सन्दर्भ में नाराज होकर कहा गया।
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कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के समक्ष अपनी ही पार्टी के जिलाध्यक्ष (ग्रामीण) के प्रति जनप्रतिनिधि द्वारा ऐसी टिप्पणी अशोभनीय और अनुशासनहीनता है। संगठन के जिला प्रमुख को “चपरासी” कहना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह संगठन की अवमानना एवं अनुशासन हीनता की दायरे में आता है।
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बिलासपुर नगर निगम चुनाव 2025 में विभिन्न वार्डों में कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव अपने समर्थकों को टिकट दिलाना चाहते थे परन्तु वे लोग तय मापदंडों के अनुरूप नहीं थे इसलिए प्रदेश चयन समिति से उर्जावान व पार्टी के प्रति समर्पित सभी कार्यकर्ताओ को टिकट दी गयी। कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ खुलाघात एवं भीतरघात किये जाने की शिकायत मिली व इस सम्बन्ध में लिखित प्रमाण भी प्रस्तुत किये गए।
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तब लिखित शिकायत के बाद इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी के संविधान एवं नियम की पुस्तिका के अनुशासनात्मक नियम की कंडिका 4 में उल्लेखित नियमों व कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता के अंतर्गत की जाने वाली घोषणा के कंडिका 8 के उल्लंघन किये जाने पर जिलाध्यक्ष (ग्रामीण एवं शहर) द्वारा प्राथमिक सदस्यता से छः वर्ष के लिए निष्कासित किया गया है। जिलाध्यक्षों ने पार्टी के नियमानुसार ही कार्यवाही की है परन्तु इस कार्यवाही को कोटा विधायक द्वारा व्यक्तिगत, द्वेषपूर्ण व जानबूझकर किये जाने की मंशा से मीडिया में अशोभनिय बयान दिया जा रहा है। उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि जिस जिला कांग्रेस कमेटी के अंतर्गत उनकी खुद प्राथमिक सदस्यता है, उसकी कमेटी के अध्यक्ष को “चपरासी” कहना कितना उचित है? वहीं जिन्होंने पार्टी को नुकसान पहुंचाया निगम चुनाव में अधिकृत प्रत्याशियों को हराने का काम किया, उन्हें कोटा विधायक “कलेक्टर बता रहे हैं।
जिला अध्यक्ष ग्रामीण पर अशोभनीय टिप्पणी करने का आरोप