मध्य प्रदेश के इंदौर में शुक्रवार को इंदौर-देवास रोड पर 40 घंटे लंबे जाम के कारण 3 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें दो को हार्ट अटैक, एक पेंशेंट की अस्पताल पहुंचने से पहले ही ऑक्सीजन खत्म हो गई थी. यही कारण है कि इन लोगों की मौत हो गई. इस मामले की सुनवाई के दौरान नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की तरफ से चौंकाने वाला तर्क मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में दिया गया है.
ट्रैफिक जाम के कारण तीन लोगों की मौत के बाद केंद्र सरकार और एनएचएआई को नोटिस जारी किया गया था. यह नोटिस हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के जस्टिस विवेक रूसिया और विनोद कुमार द्विवेदी ने जारी किया था. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार और NHAI को जमकर फटकार लगाई.
NHAI का हैरान कर देने वाला जवाब
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट में बुलाया गया था. NHAI की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील ने जाम और वहां हुई लोगों की मौतों को भ्रामक बताया है. इसके साथ ही लोग इतनी जल्दी घर से निकलते ही क्यों हैं? इस जवाब से वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया. हालांकि कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 7 जुलाई तय की है.
एनएचएआई ने देरी के लिए 10 दिन की क्रशर यूनिट की हड़ताल को जिम्मेदार ठहराया है, हालांकि, कोर्ट ने कहा कि उसने सड़क का काम पूरा करने के लिए तीन से चार महीने का समय मांगा था.
इससे पहले भी खराब सड़क का मामला कोर्ट पहुंचा था, उस दौरान कोर्ट ने NHAI को एक महीने के भीतर सड़क ठीक करने का आदेश दिया था. 7 महीने बीत जाने के बाद भी हालात ज्यों के त्यों हैं. बारिश के कारण लोगों को हर रोज खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
इन लोगों की गई जाम के कारण जान
सड़क का अधूरा काम होने के कारण हाईवे पर वाहन चालक 40 घंटे तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहे, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान इंदौर के कमल पंचाल (62), शुजालपुर के बलराम पटेल (55) और गारी पिपल्या गांव के संदीप पटेल (32) के रूप में हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, ट्रैफिक जाम के दौरान गर्मी में दम घुटने से कलम पंचाल की हार्ट अटैक से मौत हो गई. इसके अलावा, बलराम पाटे के भतीजे के अनुसार, परिवार अपने चाचा की जान बचाने के लिए सड़क पर था, जिनकी बाद में ट्रैफिक जाम में मौत हो गई.