सीजी भास्कर, 25 जुलाई |
रायपुर/खरोरा – राजधानी से सटे खरोरा क्षेत्र में प्रस्तावित नलवा सीमेंट प्लांट की खदान को लेकर ग्रामीणों का उग्र विरोध सामने आया है। लगातार बारिश के बावजूद करीब 6 गांवों से लगभग 900 ग्रामीण टेंट लगाकर जनसुनवाई स्थल पर डटे हुए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि खदान की ब्लास्टिंग से उनके घरों की नींव हिल जाएगी और बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।
खदान से सबसे नज़दीकी गांव सिर्फ 90 मीटर दूर
जिंदल समूह द्वारा प्रस्तावित इस खदान को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि 1100 एकड़ में बनने वाली इस माइंस से 6 गांव – पचरी, छड़िया, मंधईपुर, नहरडीह, मोतिमपुर और आलेसुर – सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। इनमें पचरी गांव की दूरी खदान से सिर्फ 90 मीटर है, जबकि अन्य गांव भी 100-400 मीटर के दायरे में हैं।
बच्चों की सुरक्षा, पर्यावरण और नींव पर संकट
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि खदान में चूना पत्थर निकालने के लिए दिन-रात ब्लास्टिंग और भारी वाहनों की आवाजाही होगी, जिससे उनके घरों की दीवारों और नींव में दरारें आ सकती हैं। वहीं, खदान से निकलने वाले ट्रक स्कूलों के सामने से गुजरेंगे जिससे बच्चों की जान को भी खतरा रहेगा।
आत्मदाह की चेतावनी, प्रशासन सतर्क
पचरी के सरपंच एवं सरपंच संघ के अध्यक्ष अभिषेक वर्मा ने चेतावनी दी है कि यदि जनसुनवाई जबरन कराई गई, तो ग्रामीण आत्मदाह जैसे कदम उठाने को मजबूर होंगे। प्रशासन ने मौके पर भारी पुलिस बल के साथ-साथ अपर कलेक्टर, पर्यावरण अधिकारी, एसपी और छह तहसीलदारों को तैनात किया है।
55 हजार लोग होंगे प्रभावित
स्थानीय आंकड़ों के मुताबिक प्रस्तावित खदान परियोजना से लगभग 55,000 लोग प्रभावित होंगे। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी जमीन, जल स्रोत और जीवनशैली सब कुछ इस परियोजना की भेंट चढ़ जाएगा।