सीजी भास्कर, 01 दिसंबर। एक बैंक मैनेजर ने किसान को 12 लाख रुपये लोन देने का लालच देकर 39 हजार का मुर्गा मंगाकर खा गया। इसके साथ ही उसने किसान से 10 फीसदी कमीशन भी ले लिया। बावजूद इसके न तो उसने लोन दिया और न ही रिश्वत के पैसे ही वापस किया। अब किसान ने कलेक्टर से लोन और बैंक मैनेजर द्वारा खाए गए मुर्गे की रकम और कमीशन के पैसे वापस कराने की मांग की है।
आपको बता दें कि घुसखोरी और मुफ्त का माल हलक से नीचे उतारने वालों का अंदाज ही कुछ अलग होता है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के मस्तूरी में भारतीय स्टेट बैंक का ब्रांच है। यहां के ब्रांच मैनेजर ने एक किसान से जो कुछ किया वह कम हैरान और चौंकाने वाला नहीं है।दरअसल किसान को लोन की जरुरत थी। ब्रांच मैनेजर ने लोन देने के एवज में किसान से 38 हजार रुपये का मुर्गा खा गया। 12 लाख रुपये का कर्ज देने के एवज में 10 प्रतिशत कमीशन की बात भी उसने की थी अब ब्रांच मैनेजर ने किसान को लोन देने से इंकार कर दिया है। परेशान और गुस्से से आग बबूला किसान ने मस्तूरी एसडीएम से घुसखोर ब्रांच मैनेजर की शिकायत की है। किसान ने एसडीएम को लिखे शिकायती पत्र में चेतावनी भी दी है। अगर उसकी शिकायत पर ब्रांच मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो ऐसी स्थिति में वह आत्मदाह कर अपनी जान दे देगा।
मस्तूरी के सरगंवा में रहने वाला किसान रूपचंद मनहर ने एसडीएम कार्यालय में शिकायत की है। जिसमें कहा गया है कि उसने पोल्ट्री के कारोबार के लिए एसबीआई मस्तूरी में 12 लाख रुपये लोन का आवेदन किया था। किसान का आरोप है कि बैक मैनेजर सुमन कुमार चौधरी ने लोन पास करने के एवज में एडवांस में 10 परसेंट यानी कि 1 लाख 20 हजार रुपये के कमीशन की मांग की।
किसान का आरोप है कि उसने अपनी मुर्गियों को बेचकर दो महीने के भीतर बैंक मैनेजर को कमीशन की उक्त रकम बतौर एडवांस दे दिया। इसके बाद बैंक मैनेजर हर शनिवार को उससे देशी मुर्गे की डिमांड करता रहा। इस तरह उसने किसान से रिश्वत में बतौर एडवांस रकम के साथ ही 38 हजार 900 रुपये का मुर्गा भी मंगाकर खा गया, जिसकी रसीद भी उसके पास है।
किसान का कहना है कि बावजूद इसके बैंक मैनेजर उसे लोन नहीं दे रहा है। किसान ने जिला प्रशासन से बैंक मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही उसने लोन और बैंक मैनेजर से उसके पैसे वापस दिलाने की भी मांग की है।
आत्मदाह की चेतावनी
किसान ने चेतावनी दी है कि अगर बैंक मैनेजर द्वारा उससे लिया गया कमीशन और मुर्गों की रकम वापस नहीं की जाती है तो वह 2 दिसंबर से 6 दिसंबर तक भूख हड़ताल पर बैठेगा। इसके बावजूद अगर उसकी रकम वापस नहीं की तो वह दो से 6 दिसंबर तक भूख हड़ताल पर बैठेगा । इसके बावजूद उसकी रकम वापस नहीं हुई तो वह बैंक के सामने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर लेगा ।