सीजी भास्कर, 13 मार्च । छत्तीसगढ़ शराब घोटाला (Liquor Scam Case) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कवासी लखमा के खिलाफ 3773 पन्नों का चार्जशीट पेश किया है। इस चार्जशीट में कहा गया है कि पूर्व आबकारी मंत्री लखमा को इस घोटाले की पूरी जानकारी थी और उन्हें हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे।
चार्जशीट में यह भी उल्लेख किया गया है कि लखमा इस घोटाले के सिंडिकेट के प्रमुख थे और उन्हें सिंडिकेट से पूरा सहयोग प्राप्त था। शराब नीति में बदलाव में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। इसके अलावा, चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि शराब की दुकानों का निरीक्षण करने से पहले आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति लेने की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है। आज रायपुर कोर्ट में लखमा की पेशी होगी।
आरोपी बनाए गए लोग (Liquor Scam Case)
ईडी ने विशेष न्यायाधीश को चालान के संबंध में जानकारी दी है कि शराब घोटाले में अब तक कुल 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें कवासी लखमा, अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम सांई ब्रेवरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया सहित अन्य व्यक्तियों के नाम शामिल हैं।
लखमा की रिमांड बढ़ने की संभावना (Liquor Scam Case)
रायपुर कोर्ट में आज कवासी लखमा की पेशी हो रही है। सुनवाई के दौरान उनकी न्यायिक रिमांड को फिर से बढ़ाया जा सकता है। ईडी ने 28 दिसंबर को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश कवासी के घर पर छापा मारा था। लखमा को 15 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था, और वे 21 जनवरी से रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं।
इससे पहले ED ने आरोप लगाया था कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। लखमा के निर्देश पर ही सिंडिकेट काम करता था। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी। वहीं शराब नीति बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। वहीं ED का दावा है कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रही गड़बड़ियों की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया।
‘कमीशन के पैसे से बेटे का घर बनवाया’ (Liquor Scam Case)
ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि शराब घोटाला तीन साल तक चलता रहा। लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे, जिससे 36 महीनों में उसे कुल 72 करोड़ रुपए प्राप्त हुए। यह राशि उसके बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में खर्च की गई। ईडी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले के कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है, और शराब सिंडिकेट के लोगों ने 2,100 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध कमाई की।