21 मार्च 2025 :
कांग्रेस ने शुक्रवार को राज्यसभा में चर्चा के दौरान जनगणना के क्रियान्वयन में देरी और गृह मंत्रालय के आवंटित बजट का कम उपयोग करने के लिए सरकार की आलोचना की। गृह मंत्रालय के कामकाज पर बहस में भाग लेते हुए कांग्रेस नेता अजय माकन ने बताया कि 2011 में पिछली जनगणना के बाद से भारत की जनसंख्या में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
माकन ने कहा, “2011 में जनसंख्या 121 करोड़ थी, अब यह 146 करोड़ होने की उम्मीद है… 2011 की जनगणना के लिए हमने 2009 में ही कार्यक्रम बनाना शुरू कर दिया था। अब जनगणना हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जन कल्याण के लिए हमारे सभी कार्यक्रम इसी पर आधारित हैं।”
जनगणना कराने से 15 करोड़ लोगों को मिलेगा लाभ
उन्होंने जोर दिया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत, जो ग्रामीण क्षेत्र की लगभग 70 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र की 50 प्रतिशत आबादी को कवर करता है, यदि नई जनगणना की जाती है तो अतिरिक्त 15 करोड़ लोगों को संभावित रूप से लाभ मिल सकता है।
कांग्रेस नेता ने कहा, “आप उन्हें उस लाभ से वंचित कर रहे हैं क्योंकि आप अभी तक जनगणना नहीं कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि देरी से राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय द्वारा किए जाने वाले अन्य सर्वेक्षणों में भी बाधा आएगी।
‘जल्द जनगणना कराने का नहीं किया गया वादा‘
कोविड महामारी के कारण जनगणना की योजनाओं में बाधा उत्पन्न होने की बात स्वीकार करते हुए माकन ने बाद के वर्षों में आवंटित धन का उपयोग नहीं करने के लिए सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि 2022 में आवंटित जनगणना निधि का 66 प्रतिशत, 2023 में 85 प्रतिशत और 2024 में 58 प्रतिशत समाप्त हो गया। उन्होंने कहा, “जनगणना जल्द से जल्द कराने का कोई वादा नहीं किया गया है।”
कांग्रेस नेता ने सीमा सुरक्षा और पुलिस आधुनिकीकरण को लेकर चिंताओं को भी उजागर किया। माकन के अनुसार, 2023-24 के लिए सीमा अवसंरचना विकास कार्यक्रम के तहत लगभग 225 करोड़ रुपये अप्रयुक्त रह गए।
केंद्र सरकार पर साधा निशाना
उन्होंने कहा, “पिछले सात वर्षों में सीमा अवसंरचना और पुलिस आधुनिकीकरण के लिए आवंटित लगभग 70,697 करोड़ रुपये वापस कर दिए गए,” उन्होंने कहा कि बजट आवंटन का लगभग 22.93 प्रतिशत, लगभग एक-चौथाई, खर्च नहीं किया गया।
माकन ने कहा, “ड्रग्स, एके-47 और ग्रेनेड जैसे हथियार अवैध रूप से सीमाओं के माध्यम से प्रवेश कर रहे हैं और सरकार इस पर नियंत्रण नहीं रख पाई है”। उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग के कारण प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती आवृत्ति का हवाला देते हुए अर्धसैनिक बलों में रिक्तियों को भरने और आपदा प्रबंधन के लिए बजट आवंटन बढ़ाने का आह्वान किया।