बैराज , 22 मार्च 2025 :
बैराज से सिद्धनाथ घाट तक साढ़े 11 किमी के गंगा रिवर फ्रंट को अब बिठूर से जोड़ने की तैयारी है। इसके लिए मंडलायुक्त के. विजयेन्द्र पांडियन के निर्देश पर अफसरों व आइआइटी की टीम पटना में निर्मित गंगा पथ का जल्द अध्ययन करेगी। वहां की तर्ज पर परियर सेतु तक गंगा के किनारे-किनारे पथ निर्माण की संभावनाएं तलाशेगी। इससे 1992 में शुरू हुए बिठूर महोत्सव से पर्यटन बढ़ाने व वैश्विक पहचान दिलाने की मंशा को मुकाम मिलेगा।
गंगा पथ बिठूर के ऐतिहासिक व पौराणिक सौंदर्य का विहंगम अवलोकन कराने का विकल्प बनेगा। बिठूर महोत्सव में 33 साल से नामचीन कलाकार आ रहे पर अभी पर्यटन विकास की मुख्य धारा से मजबूत जुड़ाव नहीं हो सका है।
महोत्सव की शुरुआत से जुड़े संयुक्त विकास की उच्चस्तरीय समिति के समन्वयक नीरज श्रीवास्तव ने चुंगी से ब्रह्मावर्त घाट का मार्ग संकरा व चौड़ीकरण की संभावनाएं न होने से तत्कालीन मंडलायुक्त अमित गुप्ता को चुंगी से गंगा नदी के किनारे परियर सेतु व बैराज तक पटना की तर्ज पर गंगा पथ बनाने का सुझाव दिया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पिछले कानपुर दौरे में विधायक नीलिमा कटियार के मुद्दा उठाने पर गंगा रिवर फ्रंट पर रुचि दिखाई थी।
छह साल पहले भी उठा था मुद्दा
अब मंडलायुक्त पांडियन ने पटना जाकर गंगा पथ के अध्ययन के लिए समन्वयक नीरज श्रीवास्तव के नेतृत्व में केडीए सचिव, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी व सिंचाई, सेतु निगम के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर की टीम बनाई, जो जल्द पटना जाकर हर पहलू पर अध्ययन करेगी। इधर, आइआइटी की टीम ने जैसे पिछले वर्षों में रिवर फ्रंट को लेकर स्थलीय अध्ययन किया था, वैसे ही फिर से अध्ययन करेगी। इसके लिए केडीए ने आइआइटी को पत्र भी लिख दिया है। छह साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब अटल घाट पर आए थे, तब भी रिवर फ्रंट पर जोरशोर से बात हुई थी।
पर्यटन बढ़ाने के लिए पड़ी महोत्सव की नींव
वर्ष 1992 में ऐतिहासिक व पौराणिक बिठूर महोत्सव की परिकल्पना यहां के उपेक्षित स्थलों पर पर्यटन विकास की मंशा के तहत पड़ी थी। तत्कालीन निदेशक पर्यटन अमल कुमार वर्मा की सहमति, डीएम रामशरण श्रीवास्तव, एसडीएम सदर योगेश्वर राम मिश्रा व समिति के सचिव नीरज श्रीवास्तव की टीम ने सात से 11 नवंबर तक भव्यता से महोत्सव कराया था।