बिहार , 27 मार्च 2025 :
Bettiah News: बिहार में जिंदा बच्चे को एक डॉक्टर ने ना सिर्फ मृत बता दिया बल्कि डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया. मामला बेतिया जिले का है. लौरिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से यह चौंकाने वाला मामला सामने आया है. घटना बीते सोमवार की है, लेकिन बुधवार (26 मार्च, 2025) को यह पता चला तो अस्पताल और डॉक्टर के बारे में तरह-तरह चर्चा शुरू हो गई.
दरअसल 24 मार्च को बहादुर बैठा की पत्नी ज्योति कुमारी अपने पहले बच्चे के प्रसव के लिए लौरिया स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गई थीं. शाम चार बजे बच्चे की नॉर्मल डिलीवरी हुई. अस्पताल के डॉक्टर और नर्सों ने बच्चे को मृत बताया. डेथ सर्टिफिकेट के साथ डिस्चार्ज का पर्चा भी परिजनों को थमा दिया गया.
…और बच्चे के शरीर में होने लगी हरकत
स्वास्थ्य केंद्र से परिजन जब बच्चे को लेकर बाहर निकले तो उसके शरीर में कुछ हरकतों का पता चला. परिजन बच्चे को लेकर लौरिया के ही एक निजी अस्पताल में पहुंच गए. पता चला बच्चा जिंदा है. वहां के डॉ. ने नवजात को भर्ती भी कर लिया. अब इलाज के बाद बच्चा खतरे से बाहर है. स्वस्थ है.
उधर इस घटना को लेकर स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी पर तैनात नर्स राधिका कुमारी ने बताया कि बच्चा मृत पैदा हुआ था. डॉक्टर अफरोज ने कहा कि उन्होंने बिना जांच के डिस्चार्ज पर्ची पर हस्ताक्षर किया था. क्योंकि मेडिकल स्टाफ एक साथ दस्तखत कराने आए थे.
क्या कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी?
इस मामले को लेकर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार ने बताया कि यह गंभीर मामला है और इसकी जांच की जाएगी. अगर कोई दोषी पाया गया तो वरीय अधिकारी को सूचित किया जाएगा. दूसरी ओर इस घटना से लोगों में यह सवाल उठ रहा है कि बिना जांच के डॉक्टर ने डेथ सर्टिफिकेट कैसे थमा दिया? डिस्चार्ज पर्ची पर हस्ताक्षर क्यों किया? जेडीयू नेता मुन्ना सिंह ने इसे लापरवाही का मामला बताया और कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.