सीजी भास्कर, 2 अप्रैल। भिलाई स्थित लाल बहादुर शास्त्री सुपेला अस्पताल के गेट में बुधवार दोपहर एक बीमार युवक ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। उसकी मौत हो जाने के बाद उसको अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जिस युवक की मौत हुई है उसका नाम राजू (50 साल) बताया जा रहा है। उसकी पत्नी फरीदा ने बताया कि वो लोग पावर हाउस स्टैंड के पास झोपड़ी बनाकर रहते हैं। वो अपने पति के साथ भीख मांगकर और इधर उधर काम करके घर का खर्च चलाते। बुधवार दोपहर 2 बजे के करीब राजू को अचानक झटका आने लगा।
उसके भाइयों ने उसे गंभीर हालत में लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला पहुंचाया। अस्पताल के बाहर गेट पर ही राजू के झटके बढ़ गए। फरीदा ने बताया कि राजू को उसके भाई सड़क पर ही छोड़कर चल दिए। वो काफी रोई और मदद के लिए गिड़गिड़ाई, लेकिन उन लोगों ने उसकी नहीं सुनी।
इधर राजू की तबीयत इतनी बिगड़ गई कि अचानक ही उसका पूरा शरीर अंकड़ गया और उसकी वहीं पर मौत हो गई। फरीदा पति के शव के पास ही चूड़ियां तोड़ते हुए रोने लगी। बाद में उसका रोना और चींखे सुनकर लोगों ने अस्पताल के स्टॉफ को सूचना दी। इसके बाद अस्पताल से स्ट्रेचर लेकर आया गया।
स्ट्रेचर में राजू को लिटाकर अस्पताल के अंदर ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने उसका चेकअप किया और उसके बाद उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद राजू के शव को मरचुरी में रखवा दिया गया है। पीएम के बाद ही पता चलेगा कि उसकी मौत किस वजह से हुई। अस्पताल से सुपेला थाने मर्ग मेमो भेज दिया गया है। सुपेला पुलिस मामले की जांच कर रही है।
समय पर मिलता इलाज तो बच सकती थी जान
जिस समय राजू को मिर्गी के झटके आने शुरू हुए और उसे अस्पताल लाया गया, उसी समय इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी। लेकिन उसे अस्पताल के गेट पर ही तड़पने के लिए छोड़ दिया गया। अस्पताल गेट कई अस्पताल के स्टॉफ का आना जाना हुआ, अगर वो भी ध्यान देते और उसका इलाज शुरू करा देते तो शायद उसकी जान बच जाती।
7 बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
राजू के 7 बच्चे हैं। वो अपनी पत्नी के साथ मिलकर रोजी मजदूरी और भीख मांगकर परिवार को पालता था। अब उसकी मौत के बाद से उन बच्चों के पालन पोषण का संकट खड़ा हो गया है।