पटना , 16 अप्रैल 2025 :
Bihar News: पटना में आज (गुरुवार) महागठबंधन की बैठक होने वाली है. इस बैठक में आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी और लेफ्ट की पार्टियां शामिल होंगी. महागठबंधन की बैठक से पहले जेडीयू नेता राजीव रंजन प्रसाद की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन उथल-पुथल का शिकार हो गया है. कांग्रेस और आरजेडी के बीच अविश्वास का संकट देखा जा रहा है. लगातार जिस तरह से कांग्रेस को दोयम दर्जे के दल के तौर पर आरजेडी ने औकात दिखाने का काम किया. इसकी वजह से कांग्रेस के नेताओं को भी बार-बार अपना स्टैंड बदलना पड़ा.
जेडीयू नेता ने आगे कहा कि एक तरफ एनडीए के पक्ष में प्रचंड जनादेश दिख रहा है और दूसरी तरह बिखरा हुआ महागठबंधन का कुनबा, कोई मुकाबला नहीं है. एक औपचारिकता है. ये बैठेंगे लड़ेंगे और फिर चुनाव में बुझे मन से जाएंगे.
‘कांग्रेस-आरजेडी के अस्तित्व संकट का दौर है’
इस सवाल पर कि मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात को तेजस्वी यादव ने काफी अच्छा बताया था. साथ ही मुख्यमंत्री के चेहरे पर वे सवाल टालते हुए नजर आए थे. इस पर जेडीयू नेता ने कहा कि वे जो भी टाल रहे हों, लेकिन कांग्रेस का ऑफिशियल स्टैंड सचिन पायलट का बयान है. बैठक से कोई भी निर्णय होता है तो तेजस्वी यादव उसे साझा करने में दो मिनट नहीं लगाते, इसलिए जो व्यक्ति खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करें अगले दिन सचिन पायलट नकार दें, फिर दिल्ली से कोई नतीजा हासिल नहीं हो, तो इससे बिल्कुल साफ है कि कांग्रेस को पता है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार का कोई मतलब नहीं है. ये अस्तित्व संकट का दौर है कांग्रेस और आरजेडी दोनों के लिए. ऐसे में कांग्रेस-आरजेडी की धौंस को ज्यादा सहने को तैयार नहीं है.
महागठबंधन की बैठक पर क्या बोला HAM?
उधर जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष एवं लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन ने गुरुवार (17 अप्रैल) को एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “सुना है आज महागठबंधन के नेताओं की बैठक होने वाली है. झूठ-फरेब और खोखले दावों के साथ बिहार की जनता को कैसे बरगलाया जाए इसपर चर्चा होने वाली है. राष्ट्रीय जनता दल के लोगों को मेरी एक नेक सलाह होगी, अपने सहयोगी दलों से इस बात पर सहमति बनवा लें कि तेजस्वी यादव आगामी विधानसभा चुनाव के बाद सदन में विरोधी दल के नेता होंगे.”
उन्होंने आगे लिखा, “तेजस्वी यादव को उनके गठबंधन में कोई मुख्यमंत्री उम्मीदवार स्वीकार करने को तैयार नहीं है और वैसे भी विधानसभा चुनाव के बाद राजद को अकेले उतनी सीटों पर जीत मिलने वाली नहीं कि तेजस्वी विपक्ष के नेता बन जाएं. सभी विपक्षी दल मिलकर सहमति देंगे तभी विरोधी दल के नेता भी बन पाएंगे.”